भारतीय जनता पार्टी (BJP) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने राज्य से औद्योगिक परियोजनाओं के बाहर जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर रविवार को कटाक्ष किया।
इससे एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच चल रहे सियासी वाकयुद्ध में नया अध्याय जुड़ गया।
बावनकुले ने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे को उनकी ही पार्टी के विधायक छोड़ सकते हैं तो औद्योगिक परियोजनाएं राज्य से बाहर क्यों नहीं जा सकतीं?
सांगली जिले के दौरे में बावनकुले ने पार्टी पदाधिकारियों और स्थानीय नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने यह बात कही। विपक्ष एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को वेदांता-फॉक्सकॉन और टाटा-एयरबस परियोजना के गुजरात चले जाने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है।
इसी के मद्देनजर बावनकुले ने कहा, ”अगर उद्धव ठाकरे के विधायक उन्हें छोड़ सकते हैं, तो उद्योग महाराष्ट्र से बाहर क्यों नहीं जा सकते, लेकिन इस तरह के फैसलों का दोष एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली नयी सरकार पर मढ़ा जा रहा है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में अपना पूरा कार्यकाल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस का प्रबंधन करने में बिताया और उन्हें इस बात की चिंता नहीं थी कि महाराष्ट्र में कोई उद्योग आ रहा है या नहीं।
बावनकुले के हवाले से कहा गया है, “लेकिन इस तरह के फैसलों का दोष एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली नई सरकार पर लगाया जाता है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उद्धव ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) शासन के अपने पूर्व सहयोगियों – कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का प्रबंधन करने के लिए समय बिताया।
भाजपा नेता ने कहा कि पूर्व सीएम को इस बात की कोई चिंता नहीं थी कि महाराष्ट्र में कोई उद्योग आता है या नहीं।
राज्य के एक पूर्व मंत्री बावनकुले ने कहा, “यदि आप राज्य में बड़े पैमाने पर औद्योगिक निवेश लाना चाहते हैं, तो मुख्यमंत्री को उपलब्ध होना चाहिए। पिछले सीएम (ठाकरे) 18 महीने तक मंत्रालय (मुंबई में राज्य सचिवालय) भी नहीं गए थे और वरिष्ठ अधिकारियों को उनकी नियुक्ति के लिए इंतजार करना पड़ा था। ”
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष की यह टिप्पणी विपक्षी खेमे द्वारा महाराष्ट्र में शिंदे की अगुआई वाली सरकार की भाजपा शासित राज्यों में बड़ी परियोजनाओं के ट्रांसफर के लिए आलोचना करने के मद्देनजर आई है।
रविवार को राज्य के पूर्व मंत्री और उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों के लिए समर्पित विनिर्माण क्षेत्र की एक परियोजना भाजपा शासित मध्य प्रदेश जाने पर एकनाथ शिंदे पर जमकर निशाना साधा था।
आदित्य ठाकरे ने एक मीडिया रिपोर्ट के साथ ट्वीट किया, “महाराष्ट्र का आर्थिक अलगाव। ऐसा लगता है कि खोके सरकार के सत्ता में आने के बाद हमारे राज्य पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। यह परियोजना 22 जून को एमवीए द्वारा बुटीबोरी, नागपुर के लिए प्रस्तावित की गई थी। लेकिन उद्योग मंत्री की अक्षमता के कारण हमें 5 परियोजनाओं से वंचित कर दिया गया है।”
उद्धव के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट, एनसीपी और कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी महाराष्ट्र से पांचवीं परियोजना के नुकसान के लिए शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भाजपा सरकार की आलोचना की है। इनमें प्रियंका चतुर्वेदी और एनसीपी की सुप्रिया सुले समेत कई अन्य शामिल हैं।
इससे पहले, महाराष्ट्र ने ₹1.5 लाख करोड़ के फॉक्सकॉन-वेदांता प्रोजेक्ट, ₹22,000 करोड़ का टाटा एयरबस, मेडिकल ड्रग पार्क और बल्क ड्रग्स पार्क जैसी अन्य परियोजनाओं को खो दिया और वे भाजपा शासित गुजरात चले गए।