जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम भोथली के प्राथमिक शाला में कक्षा पहली से 5वीं तक के 56 बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
वजह यह है कि यहां सिर्फ एक ही प्रधानपाठक है। बच्चों को पढ़ाने एक भी शिक्षक नहीं है। जबकि ओरमा, बघमरा, मेड़की के स्कूल में कम बच्चों के लिए ज्यादा शिक्षक है।
इसकी जानकारी बीईओ से लेकर संकुल समन्वयक को भी है बावजूद बच्चों को उचित शिक्षा देने के लिए किसी ने प्रयास नहीं किया।
इस साल कक्षा पहली से पांचवी तक कुल 56 बच्चों ने प्रवेश लिया है। जिसमें 28 बालक व इतने ही संख्या में बालिका हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग का नियम है कि 30 विद्यार्थी पीछे एक शिक्षक होना अनिवार्य है, लेकिन यहां 56 विद्यार्थी को पढ़ाने के लिए मात्र एक शिक्षक है वह भी प्रधानपाठक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
लिहाजा यहां बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते है कि अगर प्रधानपाठक कक्षा पहली के बच्चों को पढ़ाते है तो कक्षा दूसरी, तीसरी, चौथी व पांचवी के बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती है।
ड्यूटी अन्य काम में लगने पर स्कूल बंद करते हैं
ग्रामीणों का कहना है कि भोथली के सरकारी प्राथमिक शाला में पढ़ाई पूरी तरह ठप है क्योंकि सप्ताह में कई दिन प्रधान पाठक की ड्यूटी मतदाता सूची में नाम जोड़ने व अन्य गतिविधियों में लगा दी जाती है।
ऐसे में बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती। वहीं प्रधान पाठक सुनहरे राम चुरेंद्र ने बताया कि जब उन्हें ऑफिस कार्य से बालोद जाना होता है तो कई दिन स्कूल बंद करना पड़ जाता है क्योंकि अकेला होने के कारण वह भी मजबूर हैं।
जिम्मेदार अफसर पहुंच चुके हैं स्कूल, राहत नहीं
जब दैनिक भास्कर टीम सुबह 10.30 बजे स्कूल पहुंची तो वहां प्रधान पाठक श्री चुरेंद्र मौजूद रहे। उन्होंने भास्कर को बताया कि यहां उनके अलावा एक अन्य शिक्षक की आवश्यकता है।
ग्रामीणों के अनुसार 20 दिन पहले एक शिक्षक का तबादला होने के बाद यहां बीईओ, बीआरसीसी, एपीसी, तहसीलदार, सीईओ सभी आ चुके हैं राहत नहीं मिली।
इस संबंध में बीईओ बसंत बाघ से संपर्क किया गया तो उन्होंने कॉल अटेंड नहीं किया।
बीईओ कार्यालय का कई चक्कर काट चुका: सरपंच
सरपंच केशू राम गंधर्व ने बताया कि प्रशासन से प्राथमिक शाला में टीचर की मांग करते करते थक गए हैं। तीन-चार बार बीईओ कार्यालय का चक्कर काट चुके हैं।
पिछले 20 दिन से सिर्फ हेडमास्टर के भरोसे स्कूल चल रहा है। ठीक से पढ़ाई में होने के कारण बच्चों का भविष्य गर्त में चला जा रहा है।
प्रशासन को सोमवार तक अल्टीमेटम दिया गया है। सोमवार को एक अन्य टीचर की व्यवस्था नहीं की गई तो तालाबंदी करेंगे।