प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी उत्तराखंड यात्रा के दौरान जोशीमठ के सीमावर्ती क्षेत्रों के जनजाति समुदायों ने शुक्रवार को एक अनोखा भोजपत्र भेंट किया।
अधिकारियों ने बताया कि जोशीमठ के सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले नीति-माणा घाटी के जनजाति समुदायों ने तीर्थ स्थलों को फिर से जीवंत करने के कार्य के लिए पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया और भारतीय संस्कृति की रक्षा तथा इसे बढ़ावा देने के उनके संकल्प की सराहना की।
उन्होंने कहा कि माणा में वन पंचायत की सरपंच बीना बडवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भोजपत्र भेंट किया।
वहीं माणा गांव में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद भी देश को गुलामी ने इस तरह जकड़ा हुआ था कि लंबे समय तक यहां अपने आस्था स्थलों के विकास को लेकर एक नफरत का भाव रहा।
जानें क्या है भोजपत्र की खासियत
भोजपत्र का पेड़ पश्चिमी हिमालय में बेहद ऊंचाई वाले क्षेत्रों उगता है। अधिकारियों ने कहा कि इसका महत्व यह है कि भोजपत्र के पेड़ की छाल पर महाभारत और अन्य प्राचीन ग्रंथ लिखे गए थे।