सुप्रीम संकट में फंसी अपनी सरकार को मजबूत करने के लिए एकनाथ शिंदे महाविकास अघाड़ी को बड़ा झटका दे सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक अक्टूबर में होने जा रहे शिंदे कैबिनेट विस्तार में कांग्रेस के दो बड़े नेता मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इनमें एक पूर्व मुख्यमंत्री का नाम भी शामिल है।
सियासी गलियारों में इन चर्चाओं को और ज्यादा मजबूती तब मिली, जब अशोक चव्हाण और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के बीच गुरुवार को 20-25 मिनट एक सीक्रेट मीटिंग हुई। हालांकि मीटिंग के बाद चव्हाण ने कहा कि उनकी यह मुलाकात राजनीतिक नहीं है।
10 विधायक टूटने की अटकलें, पृथ्वीराज भी बागी
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के 7-10 विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं। जून में हुए विधान परिषद् चुनावों में कांग्रेस के 7 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, जबकि जुलाई में फ्लोर टेस्ट के दौरान 10 विधायक गायब रहे थे।
महाराष्ट्र में कांग्रेस के कुल 44 विधायक हैं। इधर, कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ बागी रुख अपनाए हुए हैं।
पृथ्वीराज के भी जल्द ही पार्टी छोड़ने की अटकलें हैं। वे कांग्रेस के G-23 के सदस्य रहे हैं और पिछले दिनों दिल्ली में गुलाम नबी से मिल चुके हैं।
मराठी सियासत के लिए महत्वपूर्ण सितंबर महीना
- शिंदे गुट के 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। संवैधानिक बेंच में इसकी सुनवाई होनी है। चुनाव आयोग से शिवसेना सिंबल पर भी फैसला आना बाकी है।
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 4-5 सितंबर को महाराष्ट्र दौरे पर रहेंगे। इस दौरान BMC चुनाव के लिए राज ठाकरे और भाजपा के बीच गठबंधन का ऐलान हो सकता है।
कैबिनेट विस्तार में 23 और मंत्री बनेंगे
भाजपा नेता और वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने शुक्रवार को बताया कि राज्य मंत्रिमंडल में 23 और मंत्रियों के शपथ लेने की संभावनाएं हैं। सदन में कुल सदस्यों की संख्या का 15 प्रतिशत मंत्री बनाए जा सकते हैं।
इस हिसाब से राज्य में कुल 43 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में शिंदे कैबिनेट में सीएम और डिप्टी सीएम समेत 20 मंत्री हैं।
जून में शुरू सियासी उठापटक अब भी जारी
महाराष्ट्र में 20 जून को पहली बार एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 20 विधायक बागी होकर सूरत और फिर गुवाहाटी चले गए।
धीरे-धीरे इन विधायकों की संख्या बढ़ती गई और 39 पर पहुंच गई, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया। 30 जून को भाजपा के सहयोग से शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
वर्तमान में 5 याचिकाओं के साथ शिवसेना का विवाद सुप्रीम कोर्ट में है। 23 अगस्त को कोर्ट ने इसे संवैधानिक बेंच में ट्रांसफर किया था।