नई दिल्लीः राजस्थान के जोधपुर में बादलों के सितम से बने बाढ़ जैसे हालात।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में झमाझम बारिश के आसार जताए हैं।
विभाग का कहना है कि मानसून का पश्चिमी छोर अब उत्तर की तरफ बढ़ने वाला है। इसकी वजह से हिमाचल, पंजाब, उत्तरी हरियाणा में 29 जुलाई को और बेहद उत्तराखंड में 31 जुलाई तक कहीं कहीं पर बहुत तेज बारिश होगी।
विभाग का कहना है कि अगले 3-4 दिनों तक मध्य, पश्चिम, पूर्वी और दक्षिण भारत में गरज के साथ मध्यम से हल्की बारिश की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि वेस्टर्न यूपी में 29 जुलाई को और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1 अगस्त तक मानसूनी बादल बरस सकते हैं।
जम्मू कश्मीर में भी आज गरज के साथ बड़े इलाके में बारिश की संभावना है। आईएमडी के मुताबिक, कर्नाटक और तमिलनाडु में कम दवाब का क्षेत्र बना हुआ है। इसके कारण तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल में 1 अगस्त तक भारी बारिश हो सकती है।
इसके अलावा पूर्व में उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल में 30-31 जुलाई और असम, मेघालय में 31 जुलाई तक कुछ इलाकों में बहुत तेज बारिश की बात कही गई है। आईएमडी ने कहा है कि झारखंड में 30 को और बिहार में 29 जुलाई से 1 अगस्त तक कहीं कहीं पर भारी बारिश हो सकती है।
पश्चिम बंगाल के गंगीय इलाकों में 31 को, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश में 1 अगस्त तक, तटीय कर्नाटक में 29 जुलाई और 1 अगस्त को कुछ जगहों पर झमाझम बारिश का अनुमान है। इसके अलावा तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में 1 अगस्त तक कहीं कहीं पर भारी बारिश की संभावना है।
मौसम विभाग ने बताया है कि गुरुवार को सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक देश में सबसे ज्यादा बारिश जम्मू में हुई। यहां 11 सेंटीमीटर पानी पड़ा। इसके बाद बेरहमपुर में 7 सेमी, धर्मशाला में 6, वाराणसी में 4 सेमी बारिश दर्ज की गई।
गंगानगर, अंबिकापुर और शिलॉन्ग में 3-3 सेमी बरसात हुई। शिमला, चुरू, दिल्ली और नारनौल में 2 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। प्राइवेट मौसम एजेंसी स्काइमेट के अनुसार, एक मॉनसून ट्रफ श्रीगंगानगर, नारनौल, आगरा, प्रयागराज, रांची, कोलकाता से होते हुए मणिपुर की ओर जा रही है।
इसके अलावा, एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र राजस्थान के मध्य भागों पर बना हुआ है, जो 4.5 किमी ऊपर तक फैला है। एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र आंध्र प्रदेश तट के पास पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है।