जेपी नड्डा के बाद कौन होगा भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष? इस तारीख से पहले हो सकता है ऐलान…

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा जल्द ही की जा सकती है।

सूत्रों के मुताबिक यह ऐलान अगले दो हफ्ते के भीतर हो सकता है।

पार्टी के संगठनात्मक चुनाव 12 राज्यों में पूरे हो चुके हैं और माना जा रहा है कि अध्यक्ष का नाम 15 मार्च से पहले घोषित किया जा सकता है। उसके बाद हिन्दू कैलेंडर के अनुसार अशुभ अवधि शुरू हो जाती है।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए यह जरूरी है कि पार्टी के संगठनात्मक चुनाव 50 प्रतिशत राज्यों में पूरे हों। इसके पहले, बूथ, मंडल और जिला स्तर के चुनाव होते हैं।

वर्तमान में 36 में से 12 राज्यों में ही चुनाव पूरे हो चुके हैं। यानी कम से कम छह और राज्यों में इकाई प्रमुखों के चुनाव होने जरूरी हैं।

पार्टी इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने की कोशिश कर रही है। खासकर उन राज्यों में जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जैसे तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम और गुजरात। बिहार में चुनाव इस साल के अंत में होने हैं, इसलिए वहां कोई बदलाव नहीं होगा।

राज्य प्रभारियों से शीर्ष पद के लिए संभावित नामों की सूची पहले ही मांगी जा चुकी है। हालांकि, इस मुद्दे पर चर्चा और अटकलें तेज हैं, लेकिन बीजेपी की चौंकाने वाली रणनीतियों को देखते हुए अभी किसी नाम पर निर्णय लेना जल्दबाजी होगी। ऐसा सूत्रों का कहना है।

जो बातें आमतौर पर मानी जा रही हैं, वे ये हैं कि नए अध्यक्ष को पार्टी के विचारधारा से जुड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सहित सभी घटकों द्वारा स्वीकार्य होना चाहिए।

उसे संगठनात्मक मूल्यों में गहरी समझ होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, पार्टी जाति संतुलन, भाषा विवाद, सीमा निर्धारण और सबसे महत्वपूर्ण रूप से उत्तर प्रदेश में पार्टी के आधार को मजबूत करने पर भी ध्यान देगी, क्योंकि लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में पार्टी को मिली हार ने उसे अकेले बहुमत हासिल करने से वंचित कर दिया था।

जेपी नड्डा ने 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। जनवरी 2020 में उन्हें सर्वसम्मति से बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था और उन्होंने मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह से यह जिम्मेदारी ली थी।

उनका कार्यकाल लोकसभा चुनाव 2024 तक बढ़ा दिया गया था और सरकार में उनके शामिल होने के बाद पार्टी अपने नए अध्यक्ष के लिए संभावित उम्मीदवारों पर विचार कर रही है।

हालांकि, यह प्रक्रिया धीमी रही है क्योंकि पार्टी नेता इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य स्तर पर भी यह प्रक्रिया आसान नहीं रही है, खासकर कुछ राज्यों में जहां अध्यक्ष पद को लेकर असहमति देखने को मिली है।

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