‘सांय-सांय विकास, अंतिम व्यक्ति की चिंता वाला बजट’
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज विधानसभा में प्रस्तुत आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह विकसित छत्तीसगढ़ की ओर ले जाने वाला बजट है। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण की रजत जयंती वर्ष की झलक है।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी द्वारा मुख्य रूप से विकास के चार प्रतिमानों गुड गवर्नेंस, एक्सलरेटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रियल ग्रोथ यानि ‘गति (GATI)’ पर जोर देने वाला समावेशी बजट विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को हासिल करने में सहायक सिद्ध होगा।
इसके लिए बजट में कुल एक लाख 65 हजार 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ इस वर्ष अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहा है। यह छत्तीसगढ़ का निर्माण करने वाले भारतरत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी का जन्म शताब्दी वर्ष भी है।
उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि आज पेश हुए बजट में सरकार ने किसानों की तरक्की के लिए कृषक उन्नति योजना में दस हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 8500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
वहीं मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना के तहत 100 करोड़ रुपए तथा मातृ शक्ति के लिए महतारी वंदन योजना में 5500 करोड़ रुपए प्रावधानित हैं।
उन्होंने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में लोक निर्माण विभाग के लिए 9500 करोड़ रुपए और राज्य के हर घर में नल से जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन में 4500 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
न्यायिक प्रकिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए भी प्रावधान किए गए हैं।
नगर निगमों में डीपीआर आधारित विकास की नई योजना ‘मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना’ के लिए भी 500 करोड़ रुपए रखे गए हैं। मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना के लिए दस करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि बजट में सभी वर्गों की जरुरतों और अपेक्षाओं का ध्यान रखा गया है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में छह नए फिजियोथैरेपी कॉलेज और 12 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे।
आईटीआई को अपग्रेड करने 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य को नक्सल मुक्त करने 3200 बस्तर फाइटर की भर्ती की जाएगी।
इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराने तीर्थ यात्रा योजना को फिर से शुरू कर रही है जिसे पिछली सरकार ने रोक दिया था।
इस बजट में तीर्थ यात्रा के लिए 15 करोड़ रुपए रखे गए हैं। हक त्याग व बंटवारा में लोगों के लाखों रुपए खर्च होते हैं। इसमें विवाद की स्थिति भी उत्पन्न होती है। इसे रोकने के लिए इसका शुल्क मात्र 500 रुपए किया गया है।