क्या तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी कर रहा है चीन? पेंटागन से 10 गुना बड़ा सैन्य शहर बना रहा ड्रैगन…

रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच चीन की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं।

ड्रैगन पेंटागन से 10 गुना बड़ा मिलिट्री शहर बनाने की तैयारी कर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन बीजिंग के पास गुप्त रूप से एक विशाल सैन्य परिसर बना रहा है जो कि आकार में अमेरिका के प्रसिद्ध पेंटागन से दस गुना बड़ा बताया जा रहा है।

इसे बीजिंग मिलिट्री सिटी कहा जा रहा है। यह बीजिंग शहर से करीब 32 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग 4 किलोमीटर चौड़ा है और इसमें एक डूम्सडे बंकर भी शामिल है, जिसे परमाणु युद्ध की स्थिति में कमांड सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

2022 में जहां इस क्षेत्र में आवासीय भवन और खुला मैदान था, वहीं 2024 के मध्य तक यह पूरा इलाका साफ कर निर्माण कार्य शुरू किया गया।

अब वहां सड़कों और सुरंगों का पूरा नेटवर्क तैयार हो चुका है। चीन ने इस निर्माण को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है और चीन के दूतावास ने इसे अज्ञात बताया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस इलाके में ड्रोन उड़ाना कड़ाई से प्रतिबंधित है। पास के हाइकिंग ट्रेल्स भी बंद कर दिए गए हैं। चीन ने यहां कैमरे या किसी प्रकार की निगरानी को बंद कर रखा है। यह सब कुछ दर्शाता है कि चीन इस परियोजना को पूरी तरह गोपनीय रखना चाहता है।

चीन का नया युद्ध कमांड सेंटर?

Financial Times ने एक पूर्व अमेरिकी खुफिया अधिकारी के हवाले से लिखा है कि यह नया सैन्य केंद्र संभवतः चीन के पुराने वेस्टर्न हिल्स कमांड सेंटर की जगह ले सकता है, जो कोल्ड वॉर के समय बनाया गया था।

वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन तेजी से अपने परमाणु हथियारों की ताकत बढ़ा रहा है और अगले दशक में यह अमेरिका के बराबर या उससे आगे निकल सकता है। ऐसे में यह नया बंकर और सैन्य परिसर आक्रामकता और बचाव दोनों के लिए रणनीतिक केंद्र बन सकता है।

विश्व युद्ध की आहट?

इन खुलासों के बीच यह सवाल अब और भी गंभीर हो गया है। क्या दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है? चीन की इस गतिविधि ने वैश्विक सुरक्षा विशेषज्ञों, खुफिया एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को और गहरा कर दिया है।

आपको बता दें कि अमेरिका ने हाल ही में ईरान पर हमले किए थे। वहीं, चीन के साथ उसके व्यापारिक रिश्ते भी बेपटरी होती रहती है।

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