सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक- छत्तीसगढ़):
धमतरी- श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर प्रदेश भर में सोमवार को छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग द्वारा 26 अगस्त 2024 को शुष्क दिवस घोषित किया गया था, इस आदेश का मतलब है कि प्रदेश भर की सभी शराब दुकानों से मदिरा बिक्री पर रोक लगाना है।
साथ ही अवैध रूप से भी अनेक जगहों पर शराब बेची या परोसी जाती है, वहां भी ये नियम प्रभावशाली माने जाते हैं। यदि कहीं शराब बेची या परोसी जा रही हो तो कार्यवाही के लिए आबकारी विभाग व पुलिस विभाग को कार्यवाही का जिम्मा सौंपा गया है।
लेकिन धमतरी जिले में इस आदेश को शायद आबकारी विभाग द्वारा कभी भी गंभीरता से नहीं लिया जाता!
जिसका ताजा उदाहरण दिन सोमवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी में देखने मिला! जहां शुष्क दिवस के मौके पर जिले भर में धड़ल्ले से शराब की बिक्री हुई और जमकर जाम भी छलकाए गए! होटल ढाबों में भी मयखानों जैसा नज़ारा देखने मिला।
जिले की पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई, जहां एसपी आंजनेय वार्ष्णेय के निर्देश पर कुछेक थाना क्षेत्र छोड़कर लगभग सभी जगह अवैध शराब बेचने वालों को गिरफ्तार किया, शराब के साथ नकद भी जप्त किया गया।
लेकिन जिले के आबकारी विभाग ने एक भी कार्यवाही करने की जहमत नहीं उठाई! शायद विभाग के अधिकारी कर्मचारीगण छुट्टी मनाने में व्यस्त रहे हों!
इस मामले में आबकारी विभाग की प्रभारी अधिकारी श्रीमती प्रद्युमन नेताम से हमारे द्वारा बात की गई तो उन्होंने बताया कि कार्यवाही करने टीम निकली थी, नगरी इलाके के कुछ संदिग्ध जगहों पर छापा मारा गया, जहां कुछ भी नही मिला! हालांकि जिले के वनांचल इलाकों में कच्ची शराब की बिक्री हमेशा से बड़ी मात्रा में होती है, सोमवार को भी हुई, और विभाग की नाक के नीचे हुई, जिसे शायद जिम्मेदारों ने देख न पाया हो, या नजरंदाज कर दिया, या हो गई भेंट पूजा।
इसके अलावा जिलेभर से कोई भी मामला पंजीबद्ध नही हुआ।
हालांकि सूत्रों से जानकारी मिली कि शहर के ही मोहल्लों, होटल, ढाबों में लाखों की शराब एक ही दिन बेच दी गई, यही हाल जिलेभर का रहा, और यही स्थिति हमेशा की होती है। लेकिन आबकारी विभाग के अनुसार कहीं भी अवैध शराब बिक्री नही की गई!
जिस विभाग का इन मामलों में कार्यवाही करने का पहला दायित्व है, उससे आगे उसका सहयोगी पुलिस विभाग सालभर अवैध शराब बिक्री पर कार्यवाहियों में आगे नजर आता है। वहीं अबकार विभाग की कार्यवाही चिन्हांकित जगहों पर ही नजर आती है, जो कई सवाल भी खड़े करती है।
ऐसे में आबकारी विभाग की उदासीनता के चर्चे होने लगे हैं। और जानकार लोग इसे कमीशन का खेल भी बता रहे हैं।
विभागीय सूत्र की मानें तो विभाग के तमाम जिम्मेदार अधिकारियों को हर शराब कोचिए का ठिकाना मालूम है, जहां से हमेशा भेंटपूजा होती रहती है, यही वजह है कि आबकारी विभाग की नज़रे इनायत उन कोचियों की तरफ रहती है।
बहरहाल सांठ-गांठ में संलिप्त अधिकारी और कोचियों के इस मधुर संबंध के चलते शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है, आगे हमारे द्वारा कुछ और भी खुलासे किए जायेंगे।