ऑस्ट्रेलिया से सिडनी स्थित बीच पर रविवार को हुए आतंकी हमले में 15 यहूदियों की जान चली गई थी। अंधाधुंध फायरिंग के बीच एक व्यक्ति मसीहा बनकर वहां पहुंचा और दो में से एक आतंकी को धर दबोचा।
इस दौरान उसे भी गोली लग गई, लेकिन उसने बंदूक नहीं छोड़ी, जिससे कई लोगों की जान बच गई।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज भी बोंडी बीच पर बहादुरी दिखाने वाले व्यक्ति से अस्पताल में मुलाकात की है। उसकी पहचान अहमद अल अहमद के रूप में हुई है।
पीएम एंथोनी ने अहमद को “ऑस्ट्रेलिया का हीरो” करार दिया है, जिसने अंजान लोगों को बचाने के लिए अपनी जान भी खतरे में डाल दी।
आतंकियों से भिड़े थे अहमद
रविवार की शाम को सिडनी के बोंडी बीच पर यहूदी समुदाय अपना खास त्योहार मना रहा था। इसी बीच पाकिस्तानी मूल के 2 हमलावर मौके पर पहुंचे और लोगों पर फायरिंग शुरू कर दी।
यह घटना रविवार की शाम लगभग 6:45 बजे घटी। दोनों हमलावर बाप-बेटे थे। गोलीबारी के दौरान अहमद ने एक हमलावर के हाथ से बंदूक छीन ली। इस दौरान अहमद को भी 2 गोलियां लग गईं।
मुलाकात के बाद क्या बोले पीएम एंथोनी?
अहमद से मुलाकात के बाद पीएम एंथोनी ने मीडिया से भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा अहमद ने आतंकवाद के सामने एकता का संदेश दिया है। पीएम एंथोनी के अनुसार,
ऑस्ट्रेलिया एक बहादुर देश है। अहमद अल अहमद इस छवि का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम इस देश को विभाजित नहीं होने देंगे। आतंकवादी यही चाहते हैं, लेकिन हम हमेशा एकजुट रहेंगे और एक-दूसरे का साथ देंगे।
अहमद के कंधे में फंसी है गोली
गोलीबारी में लहूलुहान हुए अहमद को इलाज के लिए ऑस्ट्रेलिया के सेंट जॉर्ज अस्पताल में भर्ती किया गया है।
अहमद के वकील इस्सा के अनुसार, “लोगों की जान बचाते समय अहमद को भी गोली लग गई, लेकिन उसे इसका कोई मलाल नहीं है। वो यह बहादुरी दोबारा दिखाने के लिए भी तैयार है। वह गोलियों से बुरी तरह छलनी है। दर्द उसपर भारी पड़ रहा है।”
बता दें कि अहमद के बाएं हाथ में काफी चोट आई है। उनके बाएं कंधे में अभी तक एक गोली फंसी है, जिसे निकाला नहीं जा सका है।
सीरिया में जन्में अहमद 2006 में ऑस्ट्रेलिया आए थे और 2022 में उन्हें यहां की नागरिकता मिल गई थी। हालांकि, बाद में कुछ कानूनी आरोपों के कारण उनकी नागरिकता रद कर दी गई थी।