ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोल्किया को बीते दिनों थकान की शिकायत के बाद इलाज के लिए कुआलालंपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सुल्तान हसनल दुनिया के सबसे लंबे समय तक राज करने वाले जीवित सम्राट हैं। वहीं वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक भी हैं।
हसनल ने 21 साल की उम्र में दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित मुस्लिम देश ब्रुनेई की सत्ता संभाली थी और वह 1967 से लगातार शासन कर रहे हैं।
600 से अधिक सालों तक ब्रुनेई पर शासन कर रहे परिवार से आने वाले, हसनल 78 वर्ष की उम्र में भी अपने देश में कई अहम पद संभाल रहे हैं।
वे देश के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री के साथ ही विदेश मामलों के भी सुप्रीमो हैं। वहीं अपने राजनीतिक कर्तव्यों के अलावा, सुल्तान रॉयल ब्रुनेई सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ और रॉयल ब्रुनेई पुलिस बल के महानिरीक्षक भी हैं।
उनके नेतृत्व में ब्रुनेई दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक बन गया और लगभग एक सदी के औपनिवेशिक शासन के बाद 1984 में ब्रिटेन से आजादी भी हासिल की थी।
हालांकि सुल्तान ने दुनिया के सबसे अमीर आदमी का खिताब खो दिया था, लेकिन वह अब भी इस सूची में शुमार हैं।
ठाठ के किस्से मशहूर
ब्रुनेई के सुल्तान की अमीरी के किस्से बेहद मशहूर हैं। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मुताबिक उनका घर, इस्ताना नूरुल इमान, दुनिया का सबसे बड़ा घर है।
सुल्तान दुनिया के सबसे बड़े निजी कार संग्रह के मालिक होने के लिए भी प्रसिद्ध हैं। जानकारी के मुताबिक उनके पास कम से कम 7,000 कारें है जिनकी कीमत पांच बिलियन डॉलर से अधिक है।
1980 और 1990 के दशक में उनके और उनके छोटे भाई प्रिंस जेफ्री बोल्किया द्वारा आयोजित पार्टियां भी बेहद मशहूर थीं। उनकी पार्टियों में माइकल जैक्सन जैसे सितारों को बुलाने के लिए लाखों डॉलर खर्च होते थे।
विवादों से भी नाता
हालांकि उनके शासन काल में देश में उनके बनाए गए कानूनों को लेकर कई विवाद भी हुए हैं। हसनल ने देश में कठोर इस्लामी कानून लागू किया गया था।
उन्होंने देश में पत्थर मारकर मौत की सजा देने जैसे कानून को मंजूरी दी थी, जिसकी खूब आलोचना हुई थी। ब्रुनेई दक्षिण-पूर्व एशिया का पहला देश था जिसने 2019 में राष्ट्रीय स्तर पर शरिया कानून लागू किया था।
इसके अलावा 1990 के दशक में वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 15 बिलियन डॉलर के कथित गबन को लेकर सुल्तान हसनल और प्रिंस जेफरी के बीच सनसनीखेज झगड़े से शाही परिवार की प्रतिष्ठा को गहरा धक्का लगा था।