एअरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने एअर इंडिया फ्लाइट AI171 की दुर्घटना पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट शनिवार को जारी कर दी।
इस रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि दुर्घटना के पीछे ईंधन की आपूर्ति अचानक बंद हो जाना प्रमुख कारण था, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए।
हालांकि, यह रिपोर्ट इस बात का जवाब नहीं देती कि ईंधन आपूर्ति किसने और कैसे बंद की, जिससे यह मामला अब भारत का ‘MH370’ मोमेंट बनता दिख रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई फ्लाइट AI171 ने 180 नॉट की अधिकतम गति प्राप्त की, जिसके तुरंत बाद दोनों इंजन के फ्यूल कटऑफ स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पोजिशन में चले गए।
दोनों प्रक्रिया में सिर्फ एक सेकंड का अंतर था। पायलटों ने इंजन को दोबारा चालू करने की कोशिश की, लेकिन विमान की ऊंचाई और समय अपर्याप्त था।
विमान 38 सेकंड की उड़ान के बाद बी.जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से टकरा गया, जिसमें 260 लोगों की मौत हो गई।
ईंधन की आपूर्ति बंद कैसे हुई?
विशेषज्ञों के मुताबिक, फ्यूल स्विच स्वतः नहीं बदल सकते। पूर्व वायुसेना पायलट एहसान खालिद ने न्यूज-18 से कहा, “यह एक मैकेनिकल प्रक्रिया है, जिसमें एक सेफ्टी लॉक लगा होता है जिसे हाथ से ऊपर उठाकर ही स्विच बदला जा सकता है।”
क्या स्विच किसी पायलट ने बदला था?
रिपोर्ट में कॉकपिट रिकॉर्डिंग के हवाले से बताया गया है कि एक पायलट दूसरे से पूछता है, ‘तुमने फ्यूल क्यों बंद किया?’ दूसरा उत्तर देता है: ‘मैंने नहीं किया।’”
हालांकि, रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि किसने पूछा और किसने जवाब दिया। रिपोर्ट के अनुसार, उस दिन फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर विमान उड़ा रहे थे और कप्तान सुमीत सबरवाल निगरानी कर रहे थे।
पूरा कॉकपिट संवाद क्यों नहीं जारी किया गया?
रिपोर्ट में सिर्फ एक ही संवाद साझा किया गया है, जबकि पूरे 38 सेकंड की उड़ान में अन्य संवादों की अनुपस्थिति पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं।
क्या कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की फाइलिंग अधूरी है? क्या किसी कारणवश बाकी रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं है?
पायलट संघ ने बयान में पायलट त्रुटि को निशाना बनाए जाने की आशंका जताई और कहा कि जांच की दिशा पक्षपातपूर्ण लग रही है। हम निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित जांच की मांग करते हैं।
क्या यह टेक्निकल गड़बड़ी हो सकती है?
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि 2018 में FAA (अमेरिकी विमानन प्राधिकरण) ने एक एडवाइजरी जारी की थी जिसमें कुछ 737 विमानों में फ्यूल स्विच लॉकिंग मैकेनिज्म के दोष की बात कही गई थी।
यह 787-8 ड्रीमलाइनर में भी समान पाया गया। हालांकि यह अनिवार्य निरीक्षण नहीं था और एअर इंडिया ने AI171 पर यह चेक नहीं किया। फिर भी AAIB ने फिलहाल किसी निर्माता के खिलाफ कोई सिफारिश नहीं की है।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, “जब तक अंतिम रिपोर्ट नहीं आ जाती, किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।”
आपको बता दें कि इस रिपोर्ट ने जहां कुछ जानकारियां दीं, वहीं इससे जुड़े गंभीर प्रश्नों ने इस त्रासदी को और पेचीदा बना दिया है।
यह मामला अब भारत के लिए वैसा ही रहस्य बनता जा रहा है जैसा मलेशिया एअरलाइंस की फ्लाइट MH370 था।