‘जहां हर तीसरे दिन दंगा होता था, वही राज्य अब कानून-व्यवस्था का मॉडल बना’, लखनऊ में बोले CM योगी।…

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 के पहले और आज के उत्तर प्रदेश की तुलना करते हुए कहा कि जहां हर तीसरे दिन दंगा होता था, बहन-बेटी और व्यापारी सुरक्षित नहीं थे, प्रदेश के सामने पहचान का संकट था, आज उसी प्रदेश ने देश को कानून-व्यवस्था का मॉडल दे दिया है।

यह प्रयास से ही हो सकता है। आज हर त्योहार उमंग और उल्लास से मनाया जा रहा है। चाहें होली-दीवाली हो या ईद-बकरीद या फिर क्रिसमस। कानून का शासन ऐसे ही होता है।

बीबीडी विश्वविद्यालय में सोमवार को मेधावियों को पदक और उपाधि प्रदान करने के बाद योगी ने कहा कि दवा कड़वी तो लगती है, लेकिन परिणाम सुखद होता है।

कानून-व्यवस्था के कारण ही आज प्रदेश में 45 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। आठ वर्ष पहले इसी प्रदेश में पांच वर्षों में पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश भी नहीं मिलता था।

उत्तर प्रदेश का देश की अर्थव्यवस्था में केवल आठ प्रतिशत का ही योगदान था। आज ईज ऑफ डूइंग में 14वें नंबर से दूसरे नंबर पर पहुंच गया है।

देश की लगभग सभी योजनाओं में प्रदेश अंतिम पांच पायदान में रहता था। आज शीर्ष तीन स्थान में रहता है।

सीएम योगी ने ऑपरेशन सिंदूर में उत्तर प्रदेश के योगदान की भी प्रशंसा की। कहा, यहां के बने ड्रोन ने भी बड़ी भूमिका निभाई।

जब ब्रह्मोस यूनिट की स्थापना की बात आई तब भूमि की चुनौती सबसे बड़ी थी, लेकिन हमने तय किया की राजधानी में ही ब्रह्मोस के लिए मुफ्त में जगह देंगे।

हमसे कहा गया कि इतनी बड़ी जमीन मुफ्त में कैसे दी जा सकती है, लेकिन मैंने तय कर लिया था। उस जमीन की उस वक्त बमुश्किल कीमत 200 करोड़ रही होगी, लेकिन ब्रह्मोस यूनिट स्थापित होने से उत्तर प्रदेश को प्रतिवर्ष 300 से 500 करोड़ रुपये जीएसटी प्राप्त होगा।

मर्सिडीज से करते थे गमले चोरी, पकड़े जाते तो शहर की बेइज्जती होती : मुख्यमंत्री ने जी-20 रोड पर गमला चोरी की घटना का दृष्टांत सुनाते हुए सिविक सेंस का पालन करने की अपील की।

कहा, मर्सिडीज के आगे गमले की क्या कीमत है, लेकिन लोग इस गाड़ी से गमले चोरी करके ले जा रहे थे। सीसीटीवी कैमरे में देखा गया।

अगर उन्हें पकड़ा जाता तो शहर की बेज्जती होती। तब हमने कहा कि उन्हें बुलाकर सीसीटीवी फुटेज दिखा दो, ताकि वे समझ जाएं।

यूपी एआई, डेटा सेंटर और इमर्जिंग टेक्नोलॉजी का हब

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), डेटा सेंटर और इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के हब के रूप में स्थापित है, लेकिन इस दिशा में संस्थानों को और काम करना होगा। तीन, छह महीने और एक वर्ष के कोर्स एआइ, ड्रोन टेक्नोलॉजी व रोबोटिक विषय में शुरू किए जाने चाहिए, ताकि युवा इस क्षेत्र में आगे जा सकें।

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