प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार): केवल व्हाट्सएप) 94064 20131
भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत हर महीने दो आते हैं।
मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती का विधिवत पूजन करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है और संतान से जुड़े कष्ट दूर होते हैं।
पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को।
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को भौम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है।
यह प्रदोष व्रत मार्च महीने का पहला प्रदोष व्रत होगा। जानें कब है मार्च का पहला प्रदोष व्रत, पूजन व व्रत पारण का समय-
मार्च में भौम प्रदोष व्रत कब है: हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल पक्ष त्रयोदशी 11 मार्च को सुबह 08 बजकर 13 मिनट पर प्रारंभ होगी और 12 मार्च को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी।
उदयातिथि में प्रदोष 11 मार्च 2025, मंगलवार को रखा जाएगा। इस दिन मंगलवार होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जा रहा है।
भौम प्रदोष व्रत शिव पूजन मुहूर्त: प्रदोष व्रत में शिव पूजन प्रदोष काल में करना अत्यंत शुभ माना गया है। शिव पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 27 मिनट से रात 08 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
बन रहे कई शुभ योग– भौम प्रदोष व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इन योगों को अत्यंत शुभ फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्यों का अच्छा फल मिलता है।
भौम प्रदोष व्रत पारण मुहूर्त- हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के पश्चात करना शुभ माना गया है। भौम प्रदोष व्रत का पारण 12 मार्च 2025 को सुबह 06 बजकर 34 मिनट के बाद किया जा सकेगा।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।