जब भारत माता की बात नहीं की, अब उठाया मुद्दा — केरल के राज्यपाल का CPI(M) पर तीखा तंज; जानिए पूरा मामला…

 केरल में राजभवन द्वारा पर्यावरण दिवस के अवसर पर भारत माता की तस्वीर का इस्तेमाल करने से शुरू हुआ विवाद अब और भी ज्यादा बढ़ता जा रहा है।

राजभवन द्वारा लिए गए इस फैसले का विरोध करने के लिए राजभवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर भारत माता की जय के नारे लगाने वाली सत्तारुढ़ गठबंधन में शामिल सीपीआई एम पर राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने तंज कसा है।

उन्होंने कहा कि जो लोग कभी भारत माता के बारे में सोचते भी नहीं थे वह आज उनकी जय के नारे लगा रहे हैं।

केरल राज्यपाल ने सीपीआई एम का नाम लिए बिना कहा, “जिन्होंने कभी भारत माता के बारे में नहीं सोचा, वे भारत माता की जय कह रहे हैं।

यह एक अच्छा योगदान है। मैं इसकी सराहना करता हूं। लेकिन मेरा यह मानना भी है कि भारत माता कभी भी बहस का मुद्दा नहीं हो सकती हैं.. यह चर्चा का मुद्दा नहीं हो सकता.. भारत माता हर चीज से ऊपर और हर चीज से परे हैं।”

दूसरी और सीपीआई एम के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने कहा कि भारत माता की कोई तस्वीर या अवधारणा नहीं है, क्योंकि संविधान ने ऐसा कुछ नहीं है।

हालांकि सीपीआई एम ने कहा कि अभी इस पर अपने गठबंधन साथियों के साथ किसी भी तरह की कोई चर्चा नहीं की जाएगी।

आपको बता दें कि यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ था जब केरल राजभवन ने पर्यावरण दिवस के मौके पर आयोजित एक समारोह में भारत माता की तस्वीर का इस्तेमाल करने का फैसला लिया।

इस फैसले का विरोध करते हुए राज्य के कृषि मंत्री और सीपीआई एम नेता पी प्रसाद ने इसका बहिष्कार किया। प्रसाद ने दावा किया कि यह तस्वीर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा इस्तेमाल की जाती है।

यहां तक की इस तस्वीर को भारतीय संविधान या भारत सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया है।

प्रसाद के कार्यक्रम के बहिष्कार करने के बाद राज्यपाल ने बयान जारी करते हुए कहा था कि चाहे किसी और से कितना भी दबाव क्यों न बनाया जाए, भारत माता के मुद्दे पर किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

मामले को बढ़ता देख सीपीआई एम ने घोषणा की थी कि वह राज्यपाल के रुख के विरोध में शनिवार को अपनी सभी शाखाओं में भारत माता के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज को फहराएगी और पौधे लगाएगी।

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