यूरोप का साथ मिला तो बढ़ा हौसला; सुरक्षा की गारंटी के लिए अमेरिका पर अड़े वोलोदिमीर जेलेंस्की…

अमेरिका के ओवल हाउस में डोनाल्ड ट्रंप के साथ तकरार के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की यूके पहुंचे हैं। वहीं यूके में यूरोप के कई देशों के बीच यूक्रेन युद्धविराम को लेकर भी चर्चा हुई।

ब्रिटेन और फ्रांस यूक्रेन के साथ मिलकर युद्धविराम की योजना पर काम करने को तैयार भी हैं। वहीं वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी अमेरिका से अच्छे संबंध बनाए रखने की बात कही है।

जेलेंस्की ने यह भी कहा कि अगर उन्हें डोनाल्ड ट्रंप बुलाते हैं तो वह वहां जाने को तैयार हैं।

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए कहा, हम देख रहे हैं कि यूरोप का स्पष्ट समर्थन यूक्रेन को हासिल है।

यूरोप के देश मदद के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा, मुख्य मुद्दे पर सभी एकजुट हैं। वास्तविक शांति के लिए हमें वास्तविक सुरक्षा की गारंटी की भी जरूरत है। यही यूरोप का भी स्टैंड है। यूके, ईयू और तुर्किये समेत पूरा महाद्वीप इस मामले में हमारे साथ है।

जेलेंस्की ने कहा, हम अमेरिकी का अहमियत समझते हैं और यूएस से अब तक जो भी समर्थन मिला है उसके लिए आभारी हैं। एक दिन भी कभी ऐसा नहीं बीता जब हमने अमेरिका का आभार ना माना हो।

हमारी स्वतंत्रता के लिए हम अमेरिका के आभारी हैं। यूक्रेन अगर आज भी अपने दम पर खड़ा है तो यह उन लोगों की वजह से है जो हमेश सहयोग करते रहे हैं।

हम लगातार चलने वाला युद्ध नहीं बल्कि शांति चाहते हैं। इसीलिए हमारा कहना है कि सुरक्षा की गारंटी बेहद जरूरी है।

यूरोपीय नेताओं के शिखर सम्मेलन के बाद भी जेलेंस्की ने लंदन एयरपोर्ट पर संबोधित किया। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि हमारा संबंध जारी रहेगा। उन्होंने स्वीकार किया कि जिस तरह की बहस ओवल हाउस में हुई उससे निश्चित तौर पर दोनों देशों के संबंध प्रभावित हो रहे हैं।

वहीं ब्रिटेन ने यूक्रेन को पांच हजार रक्षा मिसाइलें खरीदने के लिए वित्तीय मदद देने का आश्वासन दे दिया है। फ्रांस ने भी यूक्रेन का समर्थन करने की बात कही है।

ऐसे में वोलोदिमीर जेलेंस्की का प्रयास है कि यूरोपीय देशों के समर्थन को दिखाकर वह नरमी के साथ डोनाल्ड ट्रंप को मना लें। हालांकि ओवल हाउस में ट्रंप और जेडी वेंस जिस तरह से आक्रामक थे, उससे लगता है कि यह काम आसान नहीं है।

डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि यूक्रेन बिना किसी शर्त के ही मिनरल डील करने को तैयार हो जाए। इससे अमेरिका को बड़ा फायदा मिलेगा।

उनका कहना है कि अमेरिका हमेशा से ही यूक्रेन की मदद करता रहा है, ऐसे में जेलेंस्की को अमेरिका का आभारी होना चाहिए और उसकी एवज में ही खनिज डील कर लेनी चाहिए।

वहीं जेलेंस्की चाहते हैं कि खनिज डील के बाद अमेरिका यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी दे ताकि रूस के तेवर ढीले हो जाएं और युद्ध रुक जाए।

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