सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक – छत्तीसगढ़):
धमतरी- गर्मी का मौसम शुरू होते ही अंचल में पानी की समस्या अब विकराल रूप लेने लगी है जो आने वाले दिनों में और भी भयावह हो सकती है। वजह है पानी के दोहन के चलते भूजल स्तर का लगातार नीचे जाना।
जहां कुछ साल पहले तक भूजल स्तर मई जून माह में गिरता था वो अब मार्च अप्रैल के महीने में पहुंच चुका है, जो क्षेत्र के लिए बेहद ही गंभीर बात है।
बता दें कि जिले के वनांचल समेत शहर में लगातार बोर सूखने लगे हैं, और पानी की किल्लत शुरू हो चुकी है।
जिसके मद्देनजर कलेक्टर ने गंगरेल व सोंढूर जलाशय से नहरों के माध्यम से निस्तारी के लिए पानी छोड़ने के निर्देश बीते दिनों दिए थे, जिससे जिले के 390 तालाबों को भरा जाना है।
इसके अलावा धमतरी समेत रायपुर, अभनपुर, गोबरा नवापारा, पाटन को पेयजल के लिए पानी दिया जा रहा है।
इसी तरह रायपुर और बलौदाबाजार जिलों के निस्तारी तालाबों को भरने के लिए 15 मार्च से पानी दिया जा रहा है। इससे उन तमाम क्षेत्रों में जल संकट से काफी राहत मिलेगी।
लेकिन इस आपदा के दौर में भी कुछेक किसान व ईंट भट्टा संचालक नहरों, माइनर में पंप लगाकर पानी की चोरी करने में जुटे हुए हैं।
किसान रोजाना लाखों लीटर पानी नहरों व माइनर से पंप लगाकर अपने खेतों तक पहुंचा रहे हैं, तो ईंट भट्टा संचालक भी मौके का फायदा उठा रहे हैं।
मालूम हो कि बहुत सी जगहों में नहर की टाइल्स उखड़ जाने की वजह से बड़ी मात्रा में पानी सीपेज होकर खेतों में पहुंच रहा है, जिसे वे खेती में इस्तेमाल कर रहे है लेकिन उन किसानों को असली दिक्कत तब आएगी जब नहरों से पानी देना बंद कर दिया जाएगा।
इस मामले में ये भी पता चला है कि माइनर व नहरों से पंप लगाकर पानी निकालने उन किसानों, ईंट भट्टा संचालक से विभाग के कर्मचारी द्वारा पैसे भी लिए गए हैं, यदि ऐसा है तो इसकी जांच कर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।
बहरहाल इस मामले में जल संसाधन विभाग के एसडीओ रिखीनाथ वार्डे ने किसानों से पैसे लेने की बात को सिरे से नकार कर कहा कि हमारी टीम क्षेत्र की नहरों का लगातार निरीक्षण कर रही हैं, कुछेक किसानों के पंप जप्त कर उन पर कार्यवाही भी की गई है।
फिर भी यदि किसी कर्मचारी के द्वारा पैसे लेने की बात सामने आती है तो उस कर्मचारी पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
यहां बता दें कि आज सोमवार से नहरों में जो निस्तारी के लिए पानी छोड़ा जा रहा था, वो अब विभाग द्वारा बंद किया जा रहा है।
वहीं श्री वार्डे ने क्षेत्र की आम जनता व किसानों से अपील की है कि आने वाले दिनों में पेयजल को लेकर समस्या और भी गंभीर हो सकती है, इसलिए जितना हो सके पानी की बचत करें, किसान ऐसी फसलें ले जिनमें कम से कम पानी की आवश्यकता होती है।