देश के रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान ने रविवार को भारतीय सेना की उत्तरी और पश्चिमी कमांड का दौरान किया।
इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्ध तत्परता की रणनीतिक समीक्षा की। इन दोनों कमांड्स ने ऑपरेशन में प्रमुख भूमिका निभाई थी।
दोनों के अलग-अलग दौरे में जनरल चौहान ने चुनौतीपूर्ण हालात में शानदार तालमेल की सराहना की।
उन्होंने उभरते खतरों से निपटने के लिए निरंतर सतर्कता और सेवाओं के बीच सहयोग पर जोर दिया। साथ ही, सीडीएस ने जवानों के अदम्य साहस की जमकर प्रशंसा की।
उधमपुर में उत्तरी कमांड के मुख्यालय में जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने जनरल चौहान को आतंकवाद को समाप्त करने के प्रयासों और तैयारियों के बारे में जानकारी दी।
सेना ने बताया कि जनरल चौहान को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकी नेटवर्क को निष्प्रभावी करने, दुश्मन की संपत्तियों को नष्ट करने और अपनी सैन्य संपत्तियों व नागरिक आबादी की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों के बारे में बताया गया। साथ ही, सीमावर्ती क्षेत्रों में दुश्मन की ओर से निशाना बनाए गए नागरिकों के लिए पुनर्वास के प्रयासों की भी जानकारी दी गई।
पश्चिमी कमांड के जनरल ने दिया अपडेट
चंडीमंदिर में पश्चिमी कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैन्य बलों की क प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी दी।
सेना ने बताया कि पश्चिमी सीमाओं पर सुरक्षा स्थिति, रक्षा तैयारियों और ऑपरेशन के नतीजे का सार पेश किया गया। तकनीकी और लॉजिस्टिक्स क्षमता के योगदान का भी जिक्र किया गया।
जनरल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को याद किया। उन्होंने सभी रैंकों की वीरता, संकल्प, सटीकता और अनुशासन की प्रशंसा की।
इस दौरे का समापन सीडीएस की ओर से सैन्य अभियानों के सफल संचालन की प्रशंसा के साथ हुआ, जिसने राष्ट्र के सशस्त्र बलों में विश्वास को और मजबूत किया है।