फिलिस्तीनियों के घरों पर इजरायल बना रहा ‘नेशनल पार्क’, क्या शुरू हो गया है बेदखली का अभियान?…

इजरायल ने फिलिस्तीनी क्षेत्र के अंदर एक नेशनल पार्क बनाने की योजना को मंजूरी दी है। इसके कारण फिलिस्तीनियों के बेघर होने का खतरा पैदा हो गया है।

ये कथित नेशनल पार्क वेस्ट बैंक के ऐतिहासिक सेबस्तिया गांव में बनाया जाएगा। इजरायल इसे अपनी यहूदी विरासत को उजागर करने वाला एक पुरातात्विक परियोजना बता रहा है।

दूसरी ओर, फिलिस्तीनी इसे एक प्राचीन शहर को हड़पने और इस क्षेत्र की 5,000 साल पुरानी साझा कहानी को मिटाने की इजरायल की योजना का एक और सबूत मानते हैं।

सेबस्तिया में प्रस्तावित “समरिया नेशनल पार्क” ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है, जहां फिलिस्तीनी निवासियों को डर है कि वे अपने ऐतिहासिक स्थलों तक पहुंच खो देंगे और उनकी सांस्कृतिक पहचान को और अधिक खतरा होगा।

सेबस्तिया का ऐतिहासिक महत्व

सेबस्तिया वेस्ट बैंक में स्थित एक प्राचीन शहर है, जो अपनी समृद्ध पुरातात्विक और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है।

यह स्थल रोमन, बाइजेंटाइन और इस्लामी युगों के अवशेषों का घर है, जिसमें एक रोमन एम्फीथिएटर और तीर्थस्थल शामिल हैं, जो इसे ईसाइयों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनाते हैं।

यह स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने की प्रक्रिया में भी है, जिसके लिए फिलिस्तीनी अधिकारी आवेदन को अंतिम रूप दे रहे हैं।

अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के विरासत मंत्री और स्वयं वेस्ट बैंक के निवासी अमीचाई एलियाहू ने सेबस्तिया में खुदाई शुरू करने और “समरिया नेशनल पार्क” बनाने की घोषणा की है, जो विशेष रूप से यहूदी इतिहास पर केंद्रित होगा।

फिलिस्तीनी इसे अपनी भूमि और इतिहास से उनके संबंधों को मिटाने का प्रयास मानते हैं। 12 मई को मंत्री शहर के पुरातात्विक पार्क पर कब्जा करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में सेबस्तिया गए थे। यह पार्क वेस्ट बैंक में 6,000 साइटों में से सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण है।

इजरायल साम्राज्य की राजधानी थी सेबस्तिया?

दरअसल इजरायली राजनेता सेबस्तिया को सामरिया या हिब्रू में शोमरोन कहते हैं। उनका कहना है कि यह लगभग तीन हजार साल पहले बाइबिल के इजरायल साम्राज्य की राजधानी थी।

लेकिन पुरातात्विक स्थल में एक बाइजेंटाइन बेसिलिका, एक रोमन फोरम और एम्फीथिएटर और क्रूसेडर-युग के सेंट जॉन चर्च के खंडहर शामिल हैं, जिसे एक मस्जिद में फिर से बनाया गया था। माना जाता है कि यह जॉन द बैपटिस्ट की कब्र का स्थल है, जिसे कुरान में पैगंबर याह्या के रूप में जाना जाता है।

सेबस्तिया का पुरातात्विक पार्क, जो कभी पर्यटन का केंद्र था और अभी भी ईसाइयों के लिए तीर्थ स्थल है, उसको यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है, बशर्ते कि फिलिस्तीनी अधिकारियों द्वारा आवेदन को अंतिम रूप दिया जाए।

सेबस्तिया के मेयर मोहम्मद अजीम और शहर के निवासी लंबे समय से सेबस्तिया को “यहूदी” बनाने और इसे केवल इजरायली पर्यटन स्थल में बदलने के इजरायल के इरादे के बारे में चेतावनी दे रहे हैं।

पिछले जुलाई में क्षेत्र में एक प्राचीन पहाड़ी की चोटी पर “सैन्य उद्देश्यों” के लिए एक इमारत बनाने के उद्देश्य से आदेश जारी किया गया था। अजीम ने कहा कि अगर बैरकों का निर्माण शुरू होता है तो “गांव में खून की नदी बह जाएगी”। हालांकि उन्होंने कहा कि वे अपने जमीन नहीं छोड़ेंगे।

अपनी ओर से, इजरायल का तर्क है कि सेबस्तिया गांव पुरातात्विक कार्य से प्रभावित नहीं होगा, क्योंकि यह प्रस्तावित नेशनल पार्क की सीमाओं के बाहर स्थित है।

फिलिस्तीनियों का डर- एक और नकबा

फिलिस्तीनी निवासियों के लिए, सेबस्तिया में नेशनल पार्क का निर्माण केवल एक पुरातात्विक परियोजना नहीं है, बल्कि यह उनकी भूमि से उन्हें बेदखल करने और उनके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक निशानों को मिटाने की एक रणनीति है।

यह डर 1948 के नकबा की यादों को ताजा करता है, जब सैकड़ों हजारों फिलिस्तीनी अपनी जमीन और घरों से विस्थापित किए गए थे।

सेबस्तिया के स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह परियोजना उनकी आजीविका और सांस्कृतिक पहचान को खतरे में डाल रही है।

एक फिलिस्तीनी निवासी ने कहा, “वे हमारी जमीन ले रहे हैं और इसे एक नेशनल पार्क कह रहे हैं। यह हमारी विरासत को चुराने और हमें अपनी ही जमीन से बेदखल करने का एक और तरीका है।” सेबस्तिया कभी पर्यटन का केंद्र था, अब फिलिस्तीनियों के लिए पहुंच से बाहर होने का खतरा है।

इजरायल की रणनीति

हाल के वर्षों में, इजरायल ने वेस्ट बैंक और गाजा में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें बस्तियों का विस्तार और भूमि को जब्त करना शामिल है।

सेबस्तिया में नेशनल पार्क की योजना को कई लोग एक बड़े औपनिवेशिक विस्तार के हिस्से के रूप में देखते हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक समिति, जो फिलिस्तीनी क्षेत्रों में इजरायली प्रथाओं की जांच करती है, उसने चेतावनी दी है कि इजरायल की नीतियां “बड़े पैमाने पर भूमि हड़पने, विस्थापन, और नस्लीय सफाई” का हिस्सा हैं।

विशेष रूप से, इजरायल ने गाजा में “बफर जोन” और “सुरक्षा क्षेत्र” बनाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप फिलिस्तीनियों के लिए उपलब्ध जमीन का एक बड़ा हिस्सा खत्म हो गया है।

गाजा में हाल की सैन्य कार्रवाइयों ने इस क्षेत्र को और अधिक संकटग्रस्त कर दिया है, जिसमें हजारों फिलिस्तीनी विस्थापित हुए हैं और उनकी जमीन को नष्ट कर दिया गया है।

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