विनेश फोगाट ने मांगा 4 करोड़ रुपये नकद और प्लॉट दोनों, जबकि सरकार ने सिर्फ एक विकल्प चुनने को कहा था…

जुलाना से विधायक विनेश फोगाट ने अब चार करोड़ रुपये के साथ एक प्लॉट की मांग भी सरकार से की है।

दरअसल, हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने फोगाट को 4 करोड़ रुपये कैश, एक प्लॉट और ग्रुप ए नौकरी में से किसी एक का विकल्प दिया था।

पहले खबरें थीं कि पूर्व रेसलर ने नकद का विकल्प चुना है। दरअसल, ओलंपिक में बाहर होने के बाद राज्य सरकार ने उन्हें रजत पदक विजेता का दर्जा देने का ऐलान किया था।

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, फोगाट की इस डिमांड के कारण हरियाणा का खेल विभाग असमंजस में है।

अखबार से बातचीत में एक अधिकारी ने कहा, ‘अनूठी स्थिति को देखते हुए उन्हें कोई एक विकल्प चुनने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने दोनों की मांग की है।’ उन्होंने बताया कि विधायक होने के चलते उनकी तरफ से सरकारी नौकरी चुने जाने की संभावनाएं नहीं थीं।

सरकार का ऐलान

फोगाट के 100 ग्राम वजन के कारण ओलंपिक से बाहर होने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लिखा था, ‘हरियाणा ही नहीं, पूरे देश को विनेश फोगाट पर गर्व है।

उन्हें वो सभी लाभ मिलेंगे, जो रजत पदक विजेता को मिलते हैं।’ इसके कुछ घंटों बाद ही फोगाट ने खेल से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था।

बीते साल 25 मार्च को सीएम सैनी ने घोषणा की थी कि कैबिनेट ने फोगाट को एक विकल्प चुनने की पेशकश की है। इनमें नकद, HSVP यानी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण प्लॉट या आउटस्टैंडिंग स्पोर्ट्स पर्सन ग्रुप ए नौकरी शामिल था।

रिपोर्ट के अनुसार, फोगाट ने 4 करोड़ रुपये कैश के साथ प्लॉट की मांग भी कर दी थी। फिलहाल, पूर्व रेसलर ने की तरफ से इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

वजन के कारण मेडल से चूकीं

पेरिस ओलंपिक में फोगाट 50 किलोग्राम वर्ग में फाइनल तक पहुंची थीं, लेकिन 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

उन्होंने खेल से रिटायरमेंट लेने के बाद राजनीतिक पारी शुरू की और कांग्रेस के टिकट पर हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ा। उन्होंने 6 हजार से ज्यादा मतों से जुलाना सीट से जीत दर्ज की थी।

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