कर्नाटक में हावेरी जिले के हंगल गैंगरेप मामले में जमानत पर रिहा हुए 7 आरोपियों को 2 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
हावेरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंशु कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपियों ने जमानत मिलने के बाद जेल से अक्किहालुर जाते समय हंगामा किया और विजय जुलूस निकाला था।
इसे देखते हुए उनकी गिरफ्तारी की गई। पुलिस सुपरिटेंडेंट ने कहा, ‘2024 के हंगल गैंगरेप मामले में सात आरोपियों को 20 मई को जमानत मिली थी।
जेल से अक्किहालुर जाते समय उन्होंने हंगामा किया और उत्सव रैली भी निकाली। उन्होंने इसका वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया, जो पुलिस के संज्ञान में आया।’
एसपी अंशु कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 189/2, 191/2, 281, 351/2, 351/3 और 190 के तहत केस दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘हमने पांच आरोपियों को हिरासत में लिया है और उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। हंगल गैंगरेप मामले में हम उनकी जमानत रद्द करने के लिए आवेदन करेंगे।’
आरोपियों की ओर से विजय जुलूस निकालने की घटना ने पूरे जिले में आक्रोश पैदा कर दिया। इनकी रिहाई और सार्वजनिक जश्न ने न सिर्फ पीड़िता की भावनाओं को आहत किया, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठाए।
क्या है पूरा मामला
जनवरी 2024 में हावेरी जिले के हंगल में कुछ लोगों ने एक लॉज में घुसकर प्रेमी जोड़े पर हमला किया था, क्योंकि वे अलग-अलग धर्मों से थे। पुलिस के अनुसार, पीड़िता ने बाद में गैंगरेप का आरोप लगाया।
पुलिस अधीक्षक अंशु कुमार ने बताया कि पीड़िता का बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किया गया।
इस घटना ने भारी आक्रोश पैदा किया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सहित सीनियर बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था।
बोम्मई ने सीएम की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं? हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और चाहते हैं कि पुलिस स्वतंत्र व निष्पक्ष रूप से कार्रवाई करे।’