जेलेंस्की से मिले ट्रंप, लेकिन टॉमहॉक मिसाइल देने में जताई हिचकिचाहट, बोले- हमें भी जरूरत है…

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को अपने यूक्रेनी समकक्ष की वाइट हाउस में मेजबानी की।

इस बैठक के दौरान रूस-यूक्रेन समेत अन्य युद्धों को मुद्दा भी छाया रहा। वाइट हाउस में कुछ खराब यादों को साथ आए जेलेंस्की की ट्रंप ने तारीफ भी की।

उन्होंने अपने यूक्रेनी समकक्ष को एक मजबूत नेता बताया। लेकिन लंबी दूरी वाली टॉमहॉक मिसाइल देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इन मिसाइलों की अमेरिका को भी जरूरत है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने मुलाकात के दौरान इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन को यूएस का लगातार सपोर्ट अमेरिका की अपनी रक्षा क्षमताओं पर दवाब डाल सकता है।

यह पूछे जाने पर कि अगर निकट भविष्य में अमेरिका किसी संघर्ष में उलझ गया और उसे टॉमहॉक मिसाइल की जरूरत पड़ी, तो वह क्या करेगा। इ

स पर ट्रंप ने कहा, “यह एक समस्या है। हमें टॉमहॉक मिसाइलों की जरूरत है और हमें कई अन्य चीजों की भी जरूरत है, जो हम पिछले चार सालों से यूक्रेन भेज रहे हैं। अमेरिका ने यूक्रेन को बहुत कुछ दिया है।

ट्रंप को बीच में टोकते हुए जेलेंस्की ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्हें टॉमहॉक मिसाइलों की जरूरत है। उन्होंने कहा, “यूक्रेन के पास हजारों की संख्या में ड्रोन हैं।

लेकिन हमारे देश के पास टॉमहॉक मिसाइल नहीं हैं, इसलिए हमें टॉमहॉक मिसाइल की जरूरत है।” इस पर ट्रंप ने कहा कि वह यह ज्यादा पसंद करेंगे कि यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलों की जरूरत ही न पड़ें।

आपको बता दें कि ट्रंप इससे पहले यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलों की सप्लाई करने के पक्ष में थे। हालांकि पुतिन के साथ फोन कॉल के बाद उनके रुख में परिवर्तन आया है।

पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव के अनुसार, बातचीत के दौरान, रूसी राष्ट्रपति ने ट्रंप को चेतावनी दी कि टॉमहॉक मिसाइलें “युद्ध के मैदान की स्थिति को नहीं बदलेंगी, बल्कि हमारे देशों के बीच संबंधों को काफी नुकसान पहुँचाएँगी।”

जेलेंस्की के साथ बैठक के दौरान भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि पुतिन युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं। हालांकि जेलेंस्की ने इस बात पर असहमति जताई।

ट्रंप ने कहा, “मुझे लगता है कि राष्ट्रपति पुतिन युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं, वरना में इस तरह से बात नहीं कर रहा होता। मुझे लगता है वह युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं। मैंने उनके साथ ढाई घंटे बात की, हम दोनों ने युद्ध की बहुत सारी बारीकियों पर चर्चा की है।”

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