सिंध राष्ट्रवादी नेता शफी बुरफत ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा जनरल फैज हमीद को 14 साल की सजा सुनाए जाने की तीखी आलोचना की है।
उन्होंने इसे ‘सैन्य ड्रामा’ करार देते हुए आरोप लगाया कि यह सजा सैन्य प्रभाव को बढ़ाने और राजनीतिक दबाव बनाने का एक षड्यंत्र है, खासकर इमरान खान जैसे नेताओं को डराने के लिए।
बुरफत ने कहा कि इस सजा का उद्देश्य असल में जवाबदेही नहीं, बल्कि राजनीति में सैन्य दखल को और मजबूत करना है।
उन्होंने 1971 के बंगाल नरसंहार और बलात्कार के मामले का जिक्र करते हुए पाकिस्तान की सेना पर आरोप लगाया कि उसने अपने उच्च अधिकारियों को कभी जवाबदेह नहीं ठहराया।
बुरफत ने खोली पाक सेना की पोल
बुरफत ने पाकिस्तान की सैन्य संलिप्तता के मामलों का जिक्र करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की न्यायिक हत्या, बेनजीर भुट्टो की हत्या और पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की हत्या में सेना की भूमिका पर सवाल उठाया।
साथ ही, बुरफत ने पाकिस्तान के सैन्य शासन को सिंध, बलूचिस्तान और अफगानिस्तान में संघर्ष के लिए जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना वैश्विक शक्तियों के लिए एक ‘हथियार’ बन चुकी है।
इमरान को झूठे आरोपों में फंसाया: बुरफत
उन्होंने यह भी कहा कि इमरान खान को झूठे आरोपों में फंसाकर मानसिक यातना दी जा रही है, जबकि फैज हमीद की सजा केवल सैन्य संस्थान की रक्षा करने का एक दिखावा है।