“जो पाकिस्तान भाग गए, वे डरपोक थे, हमें दीन मत सिखाओ” – मस्जिदों को ढकने पर ओवैसी का कड़ा बयान…

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मस्जिदों के ढके जाने को लेकर केंद्र और यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे लोग डरपोक थे जो पाकिस्तान चले गए।

ये जियालों की औलाद हैं और भारत को ही अपना वतन मानते हैं। हैदराबाद में एक जलसे को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आखिर अपने ही देश में मुसलमानों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार क्यों किया जा रहा है।

ओवैसी ने कहा, कोई कहता है कि अगर तुम्हें डर है तो तुम नमाज मत पढ़ो, घर में बैठ जाओ। कोई कहता है कि जैस मस्जिदों को कवर कर दिया तुम अपने सिर को कवर कर लो।

कोई कहता है कि बंगाल में अगर हम हुकूमत में आ जाएंगे तो मुसलमानों को बंगाल से निकाल देंगे। अरे भाई वे डरपोक थे जो पाकिस्तान भाग गए।

ये जियालों की औलाद हैं भागने वालों में से नहीं हैं। हमारे लोग ईमान की दौलत से मालामाल थे। उन्होंने भारत को अपना वतन माना और मानते रहेंगे। अजीब बातें चल रही हैं।

ओवैसी ने कहा, हमसे आत्मसम्मान छीना जा रहा है। बताया जा रहा है कि तुम दूसरे दर्जे के शहरी हैं। हम तुम्हारा लोकतांत्रिक तरीके से मुकाबला करेंगे और तुम हारोगे। एक मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि जुमे की नमाज घर में पढ़ लो।

आप कब से अल्लामा बन गए। अब इनसे दीन सीखना पड़ेगा। और घर में क्या-क्या कर सकते हैं। मस्जिद है, धार्मिक मान्यता की स्वतंत्रता है।

हम मस्जिद को जाएंगे और मस्जिद को आबाद करते रहेंगे। आर्टिकल 25 हमें इस बात की इजाजत देता है। मैं अपना दीन तुमसे नहीं सीखूंगा।

बता दें कि होली और रमजान साथ में पड़ने की वजह से देश के कई हिस्सों में मस्जिदों को ढका गया जिससे मस्जिदों पर रंग ना पड़े और किसी तरह के सांप्रदायिक तनाव को रोका जा सके।

उत्तर प्रदेश में कई महीनों से संभल में तनाव है। ऐसे में यहां भी मस्जिदों को ढकवा दिया गया था। वहीं अयोध्या में भी मस्जिदों को ढकवाया गया था।

इस बार जुमे के दिन ही होली पड़ गई। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में खूब हिंदू-मुसलमान किया गया। दरभंगा की मेयर अंजुम आरा ने कहा था कि नमाज का वक्त नहीं बदला जा सकता लेकिनहोली पर दो घंटे का ब्रेक लगाया जा सकता है।

अंजुम जेडीयू नेता हैं। उनके बयान के बाद वार पलटवार का सिलसिला शुरू हो गया। संभल के सीओ अनुज चौधरी नेकहा था कि जो लोग रंगों से असहज महसूस ककरते हैं वे घर के अंदर रहें।

उन्होंने कहा था कि साल में एक बार ही होली होती है वहीं नमाज 52 बार होती है। अगर किसी को रंगों से दिक्कत है तो उन्हें घर के अंदर ही रहना चाहिए। उन्हें व्यापक सोच रखनी चाहिए और त्योहार मिल-जुलकर मनाना चाहिए।

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