राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद वक्फ विधेयक अब कानून बन गया है।
ऐसे में महाराष्ट्र सरकार वक्फ भूमि पर अतिक्रमण और इसमें शामिल लोगों या संस्थाओं पर कड़े ऐक्शन की तैयारी कर रही है।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कांग्रेस और उसके नेताओं पर वक्फ की जमीन हड़पने का आरोप लगाते हुए तंज कसा कि अब कानून आने के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मीडिया से बात करते हुए महाराष्ट्र के सीएम ने कहा, “कांग्रेस नेताओं ने एक बड़े घोटाले में वक्फ की जमीन हड़प ली है।
केंद्र की तरफ से जो नया कानून बनाया गया है वह हमें इस मामले में पारदर्शिता लाने में मदद करेगा.. इसके बदले में हम गरीब मुसलमान का जीवन बदल देंगे।
मौजूदा कानून में हमने देखा है कि अगर कोई वक्फ की जमीन हड़प लेता है तो उसके लिए कोई प्रावधान नहीं है लेकिन संसोधन के जरिए हमें यह सुविधा मिली है कि हम उस पर ऐक्शन ले सकें।”
संसद में केंद्र सरकार द्वारा पारित किए जाने के बाद वक्फ कानून पर लगातार प्रतिरोध जारी है। महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य की आधी से ज्यादा भूमि पर अतिक्रमण है।
यहां वक्फ के पास 92,247 एकड़ में 23,566 संपत्तियाँ हैं। वहीं अगर अतिक्रमण की बात करें तो मराठवाड़ा में सबसे ज्यादा 60 प्रतिशत वक्फ की जमीन पर कब्जा है।
महाराष्ट्र में वक्फ की हड़प की गई जमीनों की बात कोई नई नहीं है। 18 साल पहले ऐसे कई मामले सामने आने के बाद तत्कालीन राज्य सरकार ने जमीनों के प्रबंधन की जांच के लिए 2007 में ए.ए.टी.के शेख आयोग का गठन किया था।
आयोग ने 2015 में रिपोर्ट सौंपी इसमें कांग्रेस और एनसीपी के कई नेताओं के नाम शामिल थे। आयोग ने इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने और जमीन वक्फ बोर्ड को वापस करने की सिफारिश की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इतना ही नहीं मई 2015 में भाजपा शिवसेना सरकार के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन राजस्व मंत्री एकनाथ खड़गे से घोषणा की थी कि अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण या अवैध रूप से बेची गई जमीन को वापस करने के लिए एक विशेष कानून लाया जाएगा। हालांकि बाद में कोई विधेयक सामने नहीं आया।