कर्नाटक सरकार ने राज्य में विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए बड़ी पहल की है।
इसके तहत, हर एक विधायक को 50 करोड़ रुपये दिया गया है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि राज्य सरकार विकास को रफ्तार देना चाहती है।
इसके लिए प्रत्येक विधायक के निर्वाचन क्षेत्र के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
उन्होंने बताया कि इस बजट में लगभग 8 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो शासक और विपक्षी विधायकों दोनों को सार्वजनिक कार्य और ग्रामीण विकास के लिए दिया जाएगा।
हालांकि, राज्य में विपक्षी दल भाजपा ने इस पर सवाल उठाए हैं। इसने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने यह राशि केवल अपनी पार्टी के विधायकों के लिए आवंटित की है।
बीजेपी राज्य अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र येदियुरप्पा ने एक पोस्ट में कहा कि क्या आप कांग्रेस विधायकों के मुख्यमंत्री हैं या कर्नाटक राज्य के? उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने और कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों को संतुष्ट करने के लिए यह कदम उठाया गया है। यह बजट की पवित्रता को धूमिल करता है और भाई-भतीजावाद को दर्शाता है।
बीजेपी को क्या है आपत्ति
विजयेंद्र ने कर्नाटक सरकार के फैसले को लोकतांत्रिक भावना का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि सरकार का नजरिये ‘एक आंख के लिए मक्खन, दूसरी के लिए नींबू’ जैसा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों को ‘शेर का हिस्सा’ और विपक्षी विधायकों को ‘खरगोश का हिस्सा’ दिया जा रहा है। इससे संवैधानिक मूल्यों और लोकतंत्र की भावना का अपमान हुआ है।
उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की सत्ता लोलुपता और पक्षपातपूर्ण राजनीति के कारण कांग्रेस का कर्नाटक में भी पतन तय है।