पहलगाम हमले को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने बयान दिया है। उन्होंने इस आतंकी हमले को विभाजन के सबसे अनसुलझे सवालों से जोड़ते हुए कहा कि भारत के लोग आज भी विभाजन का दंश झेल रहे हैं।
विभाजन के समय पर कई लोगों के विचार भारतीय राष्ट्रीयता को लेकर अलग थे। कई लोग थे जो गांधी, नेहरू और जिन्ना के विचारों से सहमत नहीं थे। इसलिए आखिरकार विभाजन हुआ।
अय्यर ने कहा कि उपमहाद्वीप के मुसलमानों का मसीहा बनने का पाकिस्तान का सपना साल 1971 में हुए युद्ध और बांग्लादेश के बनने के बाद से ही खत्म हो गया था। उस युद्ध ने यह साबित कर दिया था कि केवल मुसलमान होना ही पर्याप्त नहीं है। हमें भाषा और समानता के अवसर को भी देखना होगा।
बकौल अय्यर हमें यह देखना होगा कि वर्तमान में भारत का मुसलमान क्या महसूस कर रहा है, क्या उसे लग रहा है कि उसे स्वीकर किया जा रहा है? क्या उसे लग रहा है कि उसका ध्यान रखा जा रहा है ? क्या मुसलमान यह महसूस कर रहे हैं कि उनका भी ध्यान अच्छी तरह से रखा जा रहा है।
अय्यर ने कहा कि हमें इन सवालों के जवाब तलाशने होंगे। मैं अपने सवालों के जवाब नहीं दूंगा। आप भारत में किसी भी मुसलमान से पूछिए आपको यह जवाब मिल जाएगा।