आज से शुरू होगा बजट सत्र का दूसरा चरण, मणिपुर और परिसीमन समेत इन मुद्दों पर विपक्ष का आक्रामक रुख…

बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत आज से यानी 10 मार्च से हो रही है।

बजट सेशन में संसद में चार मुद्दे प्रमुखता से गूंजने की संभावना है। इस समय पूरे देश की राजनीति में डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ, डुप्लीकेट वोटर आईडी, तीन भाषा नीति और परिसीमन को लेकर बहस चल रही है।

परिसीमन और त्रिभाषा नीति को लेकर दक्षिण के राज्य एकजुट हो रहे हैं। वहीं इस मामले में पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों को भी शामिल कनरे का प्रयास किया जा रहा है।

एमके स्टालिन ने कहा कि इन मामलों को लेकर वह इंडिया ग्रुप के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।

इन चार मुद्दों के अलावा मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने जाने के बाद भी फिर हिंसा का भड़कना और वक्फ संशोधन विधेयक चर्चा के विषय रह सकते हैं।

वहीं राज्यों का बजट की भी इस चरण में चर्चा हो सकती है। बता दें कि पिछले महीने केंद्र सरकार ने सीएम बीरेन सिंह को हटाकर मणिपुर में राषट्रपति शासन लगा दिया था।

वहीं केंद्र सरकार विवादित वक्फ संशोधन विधेयक को भी लागू करना चाहता है। इस विधेयक का पूरा विपक्ष ही विरोध कर रहा था।

वहीं संसदीय कार्य मंत्री ने संकेत दिया है कि केंद्र जल्द इस विधेयक को पास करवाना चाहता है।

मणिपुर का भी बजट पेश होगा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को ही मणिपुर का भी बजट पेश कर सकती हैं। वहीं त्रिभाषा नीति और परिसीमन को लेकर दक्षिण के राज्य एकजुट हो रहे हैं।

DMK सांसदों की रविवार को हुई बैठक में कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया समूह और लोकतांत्रिक नेताओं के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया गया।

ताकि परिसीमन में तमिलनाडु के अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होकर लड़ाई लड़ी जा सके और जनसंख्या नियंत्रण उपायों को सफलतापूर्वक लागू करने वाले राज्यों को दंडित करने के प्रयासों का विरोध किया जा सके।

बैठक में इसके अलावा हिंदी थोपने और एनईपी का विरोध करते हुए धन के अपने उचित हिस्से की मांग की गई।

आठ सीटों के संभावित नुकसान के मद्देनजर तमिलनाडु जनसंख्या के आधार पर 2026 में प्रस्तावित परिसीमन अभ्यास का कड़ा विरोध कर रहा है।

परिसीमन से लोकसभा की सीटों की संख्या 39 से घटकर 31 हो जाएगी, साथ ही अन्य दक्षिणी राज्यों में भी सीटों में उल्लेखनीय कमी आएगी।

संसद के दूसरे बजट सत्र से पहले पार्टी मुख्यालय ‘अन्ना अरिवलयम’ में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक अध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया।

स्टालिन ने बाद में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि द्रमुक सांसदों की बैठक ने जनसंख्या नियंत्रण की योजना बनाने के प्रयास का विरोध करने के लिए प्रभावित राज्यों के दलों को एक साथ लाने का संकल्प लिया गया है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु संसदीय प्रतिनिधित्व की सुरक्षा में एकजुट रहने के संकल्प के अलावा, परिसीमन में राज्य के अधिकारों को बनाए रखने के लिए इंडिया समूह और लोकतांत्रिक ताकतों के साथ काम करने, हिंदी थोपने और एनईपी का कड़ा विरोध करने और तमिलनाडु के लिए धन का उचित हिस्सा मांगने का भी निर्णय लिया गया।(वार्ता से इनपुट्स के साथ)

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