प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
7 जून को मंगल के सिंह राशि में प्रवेश करते ही मीन राशि में गोचर करते हुए शनि के साथ छठवें और आठवें का योग संबंध स्थापित हो जाएगा।
जिससे षडाष्टक योग कहा जाता है। षडाष्टक योग में देखा जाए तो मंगल की आठवीं दृष्टि शनि पर होगी। इस योग के बनने के कारण शनि के स्वभाव में विकृति एवं तीव्रता बढ़ जाएगी।
जिससे शनि की विध्वंसक शक्ति बढ़ जाएगी। इस योग के कारण शनि का नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। इस योग के कारण शनि विभिन्न राशियों को प्रभावित करेंगे।
प्राकृतिक दुर्घटनाओं के रूप में, भूस्खलन के रूप में, आगजनी में वृद्धि के रूप में, ज्वालामुखी फटने के रूप में तथा सभी राशियों पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
मेष राशि के लिए खर्च में वृद्धि करने वाला होगा। यात्रा में वृद्धि करने वाला होगा। दूरस्थ यात्रा में सावधानी बरतनी की आवश्यकता होगी ।
वृष राशि के लिए आय के संसाधनों में वृद्धि करने वाला होगा। व्यापार में वृद्धि करने वाला होगा। वाहन सुख में वृद्धि करने वाला होगा तथा पैतृक संपत्ति को क्षति या तनाव उत्पन्न करने वाला हो सकता है।
मिथुन राशि के लिए देखा जाए तो परिश्रम में वृद्धि, कार्यस्थल में परिवर्तन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। क्रोध में वृद्धि हो सकती है। कार्यस्थल पर तनाव की स्थिति उत्पन्न होती दिखाई दे सकती है।
होगीकर्क राशि के लिए धन वृद्धि कारक होगा। पेट की समस्या उत्पन्न होगी। कार्यों में भाग्य का साथ कम प्राप्त होगा। पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ेगी। दांपत्य सुख में तनाव बढ़ेगा।
सिंह राशि के लिए क्रोध में वृद्धि करने वाला होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि करने वाला होगा। पेट की समस्या उत्पन्न करने वाला होगा। वाणी की तीव्रता में वृद्धि करने वाला होगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ेगी।
कन्या राशि के लिए पराक्रम एवं पुरुषार्थ में वृद्धि होगी। खर्चे में वृद्धि होगी। दिखावे में खर्च बढ़ेगा । शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी मानसिक उलझन में वृद्धि होगी। पिता के स्वास्थ्य में अवरोध उत्पन्न होगा ।
तुला राशि के लिए आर्थिक वृद्धि करने वाला होगा। मांगलिक कार्यों में वृद्धि होगी। संतान पक्ष से लाभ होगा । प्रतियोगिता में विजय प्राप्त होगा। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी।