भारत की पराक्रमी सेना ने आधीर रात डेढ़ बजे ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में 100 किलोमीटर तक घुसकर आतंक के ठिकानों को तबाह कर दिया है।
ये जवाब था 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का, जिसमें 26 भारतीय नागरिकों की जान चली गई थी।
भारतीय सेना ने इस बार पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए राफेल विमानों से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के कैंपों को भी निशाना बनाया।
पहलगाम हमले का प्रतिशोध
भारतीय वायुसेना ने राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करते हुए मरकज़-ए-तैयबा और जैश-शुभानअल्लाह के ट्रेनिंग कैंपों पर सटीक एयर स्ट्राइक की।
इन ठिकानों पर वही आतंकवादी ट्रेनिंग लेते थे, जिन्होंने 2008 के मुंबई हमलों (26/11) में भारतीयों की जान ली थी।
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के बहावलपुर, कोटली, मुज़फ्फराबाद, कोटली, गुलपुर, भिंबेर, सियालकोट और मुरिदके पर आतंकियों के कैंपों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है।
भारत ने फिर से दिखाया आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट स्ट्राइक के बाद ऑपरेशन सिंदूर में भारत के तीनों सशस्त्र बलों ने मिलकर पाकिस्तान के अंदर गहरी घुसपैठ की और आतंकवाद के खिलाफ एक और मजबूत संदेश दिया।
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने इन हमलों के बाद दावा किया था कि दो भारतीय लड़ाकू विमान गिरा दिए गए, लेकिन भारत ने इसे सिरे से नकारते हुए कहा कि ऑपरेशन का लक्ष्य सिर्फ आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट करना था, न कि पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को।
क्यों अहम ऑपरेशन सिंदूर
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत राफेल लड़ाकू विमानों का पहली बार प्रयोग कर पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर सटीक हमला किया है।
यह कदम भारत के सैन्य इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। राफेल की तकनीकी ताकत और उसकी सटीकता ने भारत की वायुसेना को एक नया आयाम दिया है और ऑपरेशन को बेहद प्रभावी बना दिया है।
राफेल विमान वायुसेना की ताकत को बढ़ाने वाले सबसे अत्याधुनिक विमान हैं। उनकी वास्तविक समय में लक्ष्य पहचानने और सटीक हिट करने की क्षमता ने ऑपरेशन सिंदूर को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
राफेल के मिसाइल सिस्टम और इंटेलिजेंस गेदरिंग क्षमताओं ने पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को चकनाचूर कर दिया। यह पहली बार था जब भारत ने राफेल का प्रयोग ऑपरेशन के तौर पर किया।