सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक – छत्तीसगढ़):
धमतरी- खनिज विभाग गहरी नींद से जागा ! जानकारी मिली है कि खनिज विभाग आज कोलियारी रेत घाट पहुंच कर कार्यवाही किया है।
इस मामले में कल ही हमारे द्वारा “गुड़ की डली बन चुकी महानदी“ शीर्षक से समाचार लगाकर प्रशासन की नींद में खलल डाला गया था, जिसका परिणाम है कि आज फिर खनिज विभाग अमला मैदान में उतरा।
लेकिन इस कार्यवाही का असर कब तक रहेगा ये कहना मुश्किल है।
विभागीय कार्यवाही का भी एक नया पैटर्न शुरू किया गया है, जिसमें खनिज विभाग अमला (सिर्फ सिपाही) तय स्थानों में जाते है जहां की शिकायतें ज़्यादा होती हैं और ट्रैक्टर या हाइवा निकलने वाले रैंप को मशीन से खोदकर इतिश्री कर दिया जाता है!
न कोई फाइन होता और न कोई गाड़ी जप्त की जाती, तो ऐसी कार्यवाही कितनी प्रभावी होंगी आप अंदाज़ा लगा सकते हैं।
दिलचस्प बात ये है कि खनिज विभाग रैंप को खोदकर जाता है, उसके चंद घंटों बाद ही माफिया दूसरा रैंप तैयार कर लिया जाता है।
विश्वसनीय सूत्र से जानकारी मिली है कि खनिज विभाग जब कार्यवाही करने निकलता है तो उसके कुछ लोगों द्वारा खदान संचालक को फोन कर दिया जाता है, जिससे वे पहले ही अपनी तैयारियां कर लेते हैं।
मसलन रेत घाट से अपने गुर्गे हटा लेना, गाड़ियों को अन्यत्र खड़े कर देना और घाट को पूरी तरह से गाड़ियों से खाली कर देना!
बता दें कि रेत का अवैध खनन, परिवहन सिर्फ कोलियारी खदान में ही नहीं हो रहा, बल्कि कोलियारी से लेकर आगे लगभग हर गांव क्षेत्र से बलपूर्वक अवैध रेत निकाली जा रही है, क्या विभाग इतनी ज़हमत उठाएगा कि बाकी सारे अवैध घाटों में पहुंच सख़्त कार्यवाही करे?
गौरतलब हो कि जहां पर खनिज विभाग ने कार्यवाही की है उससे चंद किलोमीटर की दूरी पर बसे ग्राम खरेंगा में प्रशासन का समाधान शिविर लगाया गया था, जहां स्थानियों की समस्याओं का निराकरण किया जाना है लेकिन रेत का अवैध खनन जो वर्षों पुरानी समस्या है जिसके परिणाम गंभीर हैं उससे कब छुटकारा दिलाया जाएगा ये एक बड़ा सवाल है!