अभी भी मंडरा रहा है खतरा: ऐन वक्त पर पंजाब सरकार ने अमृतपाल सिंह को दिया करारा झटका, डिटेंशन अवधि बढ़ाई गई…

खालिस्तान समर्थक और खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह बीते दो साल से असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।

दो साल पूरे होने पर पंजाब पुलिस की टीम ने उसे पंजाब लाने की तैयारी भी कर ली थी। हालांकि पंजाब की सरकार ने उसे ऐन मौके पर तगड़ा झटका दिया है।

पंजाब पुलिस की टीम ने अमृतपाल को पंजाब लाने की तैयारी कर ली थी, तभी केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियों ने विचार-विमर्श किया और एनएसए के तहत उनका डिटेंशन एक साल के लिए बढ़ाने का फैसला ले लिया।

अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट की सिफारिश पर राज्य के गृह विभाग ने उसकी हिरासत की अवधि एक साल बढ़ा दी।

अमृतपाल के साथ अन्य 12 आरोपियों की हिरासत में रखा गया था। 2023 में अजनाला पुलिस थाने पर हमले के मामले में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।

एनएसएस की हिरासत खत्म होने के बाद इनमें से 12 को पंजाब की जेल वापस लाया गया था।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अमृतपाल का मामला अलग है। वह अब सांसद हैं और ऐसे में कानून व्यवस्था को चुनौती दे सकते हैं।

बता दें कि अमृतपाल के खिलाफ फरीदकोट में यूएपीए के तहत एक नया मामला भी दर्ज किया गया है। अमृतपाल पर अर्शदीप दल्ला के साथ मिलकर गुरप्रीत हरि नाऊ की हत्या की साजिश रचने का आरोप था।

अमृतपाल ने 2024 लोकसभा का चुनाव लड़ा था और उसे सफलता भी मिली थी। खडूर साहिब सीट से वह निर्दलीय सांसद है। अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के लिए पंजाब पुलिस एक महीने तक परेशान थी।

इसके बाद 23 अप्रैल 2023 को उसे मोगा जिले से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों को दो साल की हिरासत में भ्जा गया था।

बीच में अमृतपाल को मुख्यमंत्री बनाने की भी चर्चा तेज हुई थी। अकाली दल (वारिस पंजाब दे) ने रविवार को ऐलान किया था कि अमृतपाल मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। तलवंडी में बैसाखी कॉन्फ्रेंस के दौरान यह ऐलान किया गया था।

फरीदकोट के सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने कार्यकर्ताओं से कहा था कि डेढ़ साल तक वे अमृतपाल का प्रचार करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *