उन्होंने दो टूक कहा कि राज्य में कोई 50-50 फॉर्मूला नहीं है और मुख्यमंत्री पद खाली नहीं है। सीएम ने कहा, “मैं कर्नाटक का मुख्यमंत्री हूं और आपके सामने बैठा हूं।
ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ था कि कार्यकाल आधा होने के बाद किसी को पद सौंपा जाएगा। डीके शिवकुमार ने खुद भी कहा है कि मुख्यमंत्री पद खाली नहीं है।”
दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि वह और शिवकुमार दोनों कांग्रेस हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे।
सिद्धारमैया ने यह भी खुलासा किया कि वह अब तक राहुल गांधी से मुलाकात नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा, “अगर राहुल गांधी समय देंगे तो मैं उनसे मिलूंगा।”
गुरुवार देर शाम तक न तो सिद्धारमैया और न ही शिवकुमार की गांधी परिवार से मुलाकात हो पाई थी।
आपको बता दें कि जब 2023 में कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनी तो यह अटकलें जोरों पर थीं कि मुख्यमंत्री पद को ढाई-ढाई साल के लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच साझा किया जाएगा।
हालांकि, पार्टी नेतृत्व की ओर से इसे कभी आधिकारिक रूप से घोषित नहीं किया गया।
कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि सिद्धारमैया का यह बयान सिर्फ मीडिया के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली स्थित हाईकमान और उनके गृहराज्य के नेताओं को भी सीधा संदेश है।
वहीं, कर्नाटक कांग्रेस और सरकार के बीच संगठनात्मक समन्वय, मंत्रिमंडल विस्तार और कई लंबित मुद्दों पर बातचीत के लिए दोनों नेता दिल्ली पहुंचे हैं।