“वक्फ विधेयक पर पार्टी रुख में बदलाव से BJD में मचा घमासान, बाहरी ताकत के दखल का आरोप”…

संसद में वक्फ विधेयक पर वोटिंग के दौरान बीजू जनता दल ने अपने सदस्यों से अंतर्मन के हिसाब से वोटिंग करने के लिए कहा था।

अब पार्टी नेतृत्व के इस फैसले पर कार्यकर्ताओं और कुछ नेताओं ने असंतोष व्यक्त किया है।

विधेयक पर पार्टी के रुख में हुए बदलाव को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं।

पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बीजद में मौजूदा स्थिति को काल बैशाखी जैसा बताया, वहीं विधानसभा के उपनेता प्रसन्न आचार्य ने वक्फ विधेयक का विरोध न करने के पार्टी के फैसले के पीछे किसी बाहरी ताकत का हाथ होने का संदेह जताया है।

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पार्टी में इस मुद्दे को लेकर आपसी घमासान बहुत तेज हो गया है। पार्टी के कई कार्यकर्ता पार्टी के रुख में आए बदलाव की निंदा कर रहे हैं।

हालांकि पार्टी में बाहरी ताकत का संदेह जताने वाले आचार्य ने नेतृत्व का बचाव करते हुए कहा कि विधेयक के संबंध में भले ही पार्टी के रुख में बदलाव आया है लेकिन बीजद अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को कायम रखे हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पार्टी धर्मनिरपेक्ष है और हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) दोनों से समान दूरी बनाए रखते हैं। क्षेत्रीय पार्टी के रूप में बीजद ओडिशा के हितों पर आधारित किसी भी मुद्दे का समर्थन या विरोध करता है।’’

वहीं दूसरी तरफ पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी इस मुद्दे पर पार्टी के भीतर उपजे असंतोष को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि हां इस मुद्दे पर पार्टी का जो फैसला रहा उससे पार्टी के भीतर असंतोष है और हमें इसे स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं है.. लेकन हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हमारे नेता नवीन पटनायक किसी भी स्थिति को संभालने के लिए सक्षम है.. वह हमेशा से ही धार्मिक भेदभाव के बिना काम करते रहे हैं।

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