पाकिस्तान के नारोवाल विश्वविद्यालय का छात्र बम बनाने की जानकारी लेते वक्त पकड़ा गया। हन्नान अब्दुल्ला नाम के लड़के को अब आतंकवाद रोधी अदालत ने ढाई साल की सजा सुनाई है।
एटीसी के जज मंजर अली गिल ने छात्र पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) ने 2022 में हन्नान को गिरफ्तार किया था, जब वह फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए इराक से जुड़े आतंकवादी गतिविधियों वाले व्यक्तियों के संपर्क में था।
एफआईए अधिकारी के अनुसार, हन्नान ‘इब्न-ए-अब्दुल्ला अल-पाकिस्तानी’ नामक इंस्टाग्राम हैंडल इस्तेमाल करता था। वह ‘प्रोफेशनल कुक 67’ नामक यूजर से बातचीत कर रहा था, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट, सल्फर और चारकोल जैसे पदार्थों का उपयोग कर विस्फोटक बनाने की जानकारी शामिल थी।
अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (FBI) ने हन्नान के चैट लॉग और इंस्टाग्राम अकाउंट से जुड़े ईमेल साक्ष्य एफआईए को सौंपे, जिसके आधार पर यह कार्रवाई हुई। जांच में पता चला कि हन्नान यूट्यूब पर बम बनाने के वीडियो देखता था और अमेजन पर इससे संबंधित सामग्री खोजता था।
हन्नान अब्दुल्ला ने अपने बचाव में क्या कहा
हन्नान अब्दुल्ला ने अदालत में अपने बचाव में कहा कि वह केवल अपनी जिज्ञासा के चलते ऐसा कर रहा था। कोर्ट ने पाया कि हन्नान के पास विस्फोटक बनाने या किसी आतंकवादी संगठन से औपचारिक संबंध का कोई सबूत नहीं मिला।
फिर भी, सोशल मीडिया पर संदिग्ध गतिविधियों और आतंकवाद से जुड़े व्यक्तियों के साथ संपर्क के आधार पर उसे सजा सुनाई गई।
इससे पहले, हन्नान साल 2023 से जमानत पर बाहर था। मगर, अदालत के फैसले के बाद उसे फिर से हिरासत में ले लिया गया।