इंटरनेशनल हुई रिज़ॉर्ट पॉलिटिक्स! मेयर के खिलाफ विश्वास मत से पहले पार्षदों को भेजा गया श्रीलंका और मलेशिया…

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में मेयर जी. हरि वेंकट कुमारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है।

इससे पहले सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने अपने-अपने पार्षदों को विदेश भेजकर रिजॉर्ट पॉलिटिक्स को नया आयाम दिया है।

जहां TDP ने अपने पार्षदों को मलेशिया भेजा है, वहीं YSRCP ने अपने पार्षदों को श्रीलंका रवाना किया है। इसका मकसद अपने पार्षदों को विपक्षी दलों के संपर्क से दूर रखना और अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग के दौरान किसी भी तरह के उलटफेर से बचना है।

क्या है पूरा मामला?

वाई एस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी वर्तमान में ग्रेटर विशाखापट्टनम म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (GVMC) चलाती है। कुमारी के अलावा, उप महापौर जे श्रीधर और के सतीश भी वाईएसआरसीपी से हैं।

पिछले साल राज्य में सत्ता खोने के बाद से जगन की पार्टी बैकफुट पर है, जिसमें कई बड़े और छोटे नेता टीडीपी में शामिल हो गए हैं। इसी बीच GVMC में टीडीपी पार्षदों ने 22 मार्च को कुमारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।

मतदान की 19 अप्रैल की समयसीमा नजदीक आने के साथ ही दोनों खेमों ने अपने पार्षदों को खरीद-फरोख्त और क्रॉस-वोटिंग से बचाने के लिए दूर भेज दिया है। GVMC में कुल 98 पार्षद हैं, जिनमें से YSRCP के पास 59 और TDP के पास 29 पार्षद हैं। TDP की सहयोगी जनसेना पार्टी (JSP) के पास 3, बीजेपी, CPI और CPI(M) के पास एक-एक पार्षद हैं। एक वार्ड खाली होने के कारण वर्तमान में 97 पार्षद और 14 एक्स-ऑफिशियो सदस्य (सांसद और विधायक) वोटिंग में हिस्सा ले सकते हैं।

पिछले साल जून में TDP के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के सत्ता में आने के बाद YSRCP के लगभग 25 पार्षद TDP में शामिल हो चुके हैं। अब TDP का दावा है कि उनके पास 65 से 70 पार्षदों का समर्थन है, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव को पास करने के लिए उन्हें 74 वोटों की जरूरत है।

जेएसपी विधायक वामसी कृष्णा ने दावा किया, “जब टीडीपी के फ्लोर लीडर पी श्रीनिवास राव ने मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, तो उसमें 69 पार्षदों के हस्ताक्षर थे। हमारे पास करीब 70 पार्षदों का समर्थन है और हम मतदान से पहले और अधिक पार्षदों का समर्थन हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं।”

रिजॉर्ट पॉलिटिक्स का नया स्वरूप

भारतीय राजनीति में रिजॉर्ट पॉलिटिक्स कोई नई बात नहीं है। महत्वपूर्ण वोटिंग से पहले पार्टियां अपने विधायकों या पार्षदों को विपक्षी दलों की पहुंच से दूर रखने के लिए उन्हें देश के अन्य राज्यों में रिजॉर्ट्स या होटलों में भेजती रही हैं। हालांकि, आंध्र प्रदेश में यह पहली बार है कि पार्षदों को विदेश भेजा गया है।

YSRCP ने अपने पार्षदों को पहले कर्नाटक में कैंप किया था, लेकिन अब उन्हें श्रीलंका शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं, TDP ने अपने पार्षदों को मलेशिया भेजा है। GVMC के डिप्टी मेयर जिय्यानी श्रीधर ने बताया कि वह सात अन्य YSRCP नेताओं के साथ कोच्चि में हैं, जबकि करीब 30 पार्षद श्रीलंका के विभिन्न स्थानों पर हैं। उन्होंने कहा, “हम में से कुछ वोटिंग के बाद ही विशाखापट्टनम लौटेंगे।”

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