Shani Rashi Parivartan: मीन राशि में प्रवेश के बाद किन राशियों के किस भाव पर क्या असर डालेंगे शनिदेव? यहां जानें…

प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):

ग्रहीय मंत्रिमंडल में अत्यंत प्रभावशाली एवं सबसे मंद गति से चलने वाले शनिदेव का गोचरीय दृष्टिकोण से परिवर्तन अपनी राशि कुंभ से देवगुरु बृहस्पति की राशि में हो गया है।

देवगुरु बृहस्पति की राशियों में भी शनि अपना पूर्ण प्रभाव दे पाने में समर्थ होता है। ऐसे में 29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में प्रवेश कर गया है।

मीन राशि में प्रवेश करते ही मेष राशि वालों के लिए चढ़ती साढेसाती, मीन राशि वालों के लिए मध्य साढेसाती तथा कुंभ राशि वालों के लिए उतरती साढेसाती आरंभ हो गई है।

इन तीन राशि वालों के लिए शनि अपना विशेष प्रभाव स्थापित कर रहा है, परंतु सभी राशियों पर एवं सभी लग्नों पर शनि के परिवर्तन का बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा।

वृष राशि वालों के लिए शनि का गोचर एक एकादश भाव लाभ भाव पर होगा । वृष राशि एवं लग्न के लिए शनि शुभ फल प्रदायक ग्रह माना गया है ।

ऐसे में नवम अर्थात भाग्य भाव का कारक होने के साथ साथ, दशम अर्थात राज्य भाव का कारक होकर एक एकादश भाव में गोचर सकारात्मक प्रभाव में वृद्धि प्रदान करने वाला होगा।

अचानक धन लाभ की स्थिति उत्पन्न होगी। व्यापारिक गतिविधियों में विस्तार होगा। राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल होगा।

शेयर बाजार से जुड़े लोगों के लिए समय ठीक होगा। प्राइवेट सेक्टर से जुड़कर धन कमाने वाले लोगों के लिए समय सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने वाला होगा। पैतृक संपत्ति को लेकर तनाव की स्थितियां उत्पन्न हो सकते हैं।

शनि की तीसरी दृष्टि लग्न भाव अर्थात शरीर भाव वृष राशि पर होगा। परिणाम स्वरुप मानसिक तीव्रता में वृद्धि। मानसिक उलझन में वृद्धि। सिर में चोट अथवा दर्द की स्थिति। झल्लाहट में वृद्धि की स्थिति बनती दिखाई देगी। विचारों में तीव्रता के साथ परिवर्तन की स्थिति बनेगी।

शनि की अगले दृष्टि पंचम भाव कन्या राशि पर होगा। शनि की दृष्टि प्रभाव से संतान पक्ष से शुभ समाचार प्राप्त होने की स्थिति बनेगी। संतान पर खर्च की स्थिति बनेगी।

अध्ययन अध्यापन में सामान्य अवरोध की स्थिति उत्पन्न होगी परंतु बौद्धिक क्षमता के आधार पर नए काम बनते दिखाई देंगे। नौकरी के लिए प्रयासरत लोगों के लिए समय बेहतर होगा।

पिता के स्वास्थ्य को लेकर सामान्य चिंता हो सकती है परंतु पिता के साथ संबंधों में सुधार की स्थिति देखने को मिलेगी।

शनि की दशम दृष्टि अष्टम भाव धनु राशि पर होगा।

शनि के दशम दृष्टि से अचानक धन लाभ की स्थिति बनेगी। बौद्धिक सोच में सकारात्मकता बढ़ेगी अर्थात बौद्धिक क्षमता के आधार पर नवीन अन्वेषण किया जा सकते हैं।

खोजी प्रवृति में वृद्धि होगी। खदान एवं खनन क्षेत्र से जुड़कर कार्य करने वाले लोगों के लिए समय अनुकूल होगा। पेट की समस्या में वृद्धि होगी।

ऑपरेशन की स्थिति भी उत्पन्न होगी। पैर में चोट अथवा दर्द की स्थिति बनती दिखाई देगी।

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