प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार): केवल व्हाट्सएप मेसेज 94064 20131
हनुमान जी की अराधना के लिए सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ बहुत उत्तम माना गया है।
हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के हर दोहे और चौपाई में एक रहस्य छिपा है, जिसे अगर हमने जान लिया तो हम सभी का जीवन सफल हो जाएगा।
इन दोहे के पाठ से ना केवल हनुमान जी की कृुपा हमें मिलती है, बल्कि जीवन में भी कई चीजों को लेकर हमारा मार्गदर्शन होता है।
इसलिए हर शनिवार और मंगलवार को हमें सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। यहां पढ़ें सुंदरकांड के वो दोहे जिनसे आप जीवन में न केवल एक अच्छे इंसान बनते हैं, बल्कि आप सफल भी होते हैं।
काम क्रोध मद लोभ सब नाथ नरक के पंथ। सब परिहरि रघुबीरहि भजहु भजहिं जेहि संत॥
इस दोहे में कहा गया है कि हमें काम, क्रोध, मद, लालच, लोभ नहीं करना चाहिए। ये सभी नरक के रास्ते बताए गए हैं, इसलिए हमें इन सभी बुराइयों को त्याग करना चाहिए।
इन बुराईयों को छोड़कर भगवान श्रीराम का भजन करना चाहिए। ऐसे में शनिवार के दिन इस दोहे का पाठ लाभ पहुंचाता है।
इस तरह आप जीवन में कभी गलत रास्ते पर नहीं जा सकते हैं। इन नरक के रास्ते को छोड़कर आप जीवन में सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ते हैं।
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदय राखि कोसलपुर राजा॥ गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥
इस दोहे में लंका की रक्षा करने वाली द्वारपालिका का सामना जब हनुमान जी से होता है, तो वह कहती है,आप अयोध्या के राजा श्रीराम को हृदय में रखकर लंका में प्रवेश कर अपने सार काम पूरे कीजिए।
जो भी भक्त श्रीराम का ध्यान करते हैं हुए काम करता है, उसके लिए विष यानी समस्या अमृत के समान यानी आसान हो जाती है और शत्रु भी मित्र बन जाते हैं।
अगर आपको समुद्र पार करना है, तो वह गाय के खुर के बराब लगने लगता है और अग्नि में ठंडक आ जाती है। इस प्रकार भगवान राम के नाम महत्व बताया गया है ।
इसलिए अगर कभी भी किसी बड़े काम को करने जाएं तो इस दोहे को अच्छे से स्मरण करें, आपकी सफलता जरूर मिलेगी।