ED-DRI की छापेमारी से उभरता मनी लॉन्ड्रिंग मामला; गोल्ड स्मगलिंग केस में रान्या राव की चुनौतियाँ बढ़ीं…

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया, जिन्हें हाल ही में बेंगलुरु के केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (KIA) पर गिरफ्तार किया गया था।

इस मामले से परिचित एक अधिकारी ने जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि ED ने कर्नाटक में आठ जगहों पर छापेमारी भी की।

इसके साथ ही राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने बेंगलुरु में रान्या राव के पति जतिन विजयकुमार हुकरि से जुड़े नौ स्थानों पर छापेमारी की। इस मामले की जांच सीबीआई, ईडी और डीआरआई जैसी तीन एजेंसियां कर रही हैं।

आईपीएस अधिकारी की बेटी रान्या राव को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर 14.2 किलोग्राम सोने की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया गया था।

DRI अधिकारियों को उनके बार-बार दुबई यात्रा करने पर संदेह हुआ था। वह 15 दिनों में चार बार दुबई गई थी।

पूछताछ में अधिकारियों ने पता लगाया कि कुछ सोने को उनकी कपड़ों में छिपाया गया था, जबकि बाकी सोने को गहनों के रूप में पहना गया था। उनके घर पर की गई तलाशी में 2.06 करोड़ का सोने का गहने और 2.67 करोड़ नकद मिले।

DRI द्वारा सोमवार को बेंगलुरु की विशेष अदालत में दाखिल किए गए एक मेमो के अनुसार, रान्या ने अपनी गिरफ्तारी से पहले दुबई से भारत दो बार यात्रा की थी।

पहली बार 22 जनवरी को और फिर 10 फरवरी को वह दुबई गई थी।

एजेंसी ने कहा कि इन यात्राओं के दौरान अभिनेत्री ने कम से कम 17 सोने की छड़ें को अपनी जैकेट और बेल्ट में छिपाकर और अपनी जांघों पर बांधकर तस्करी की थी। DRI ने यह भी कहा कि रान्या एक बड़े सोने की तस्करी सिंडिकेट का हिस्सा थी।

DRI के अनुसार रान्या एक तस्करी सिंडिकेट के लिए कूरियर के रूप में काम करती थीं और दुबई से बेंगलुरु तक प्रत्येक किलो सोने की तस्करी के लिए 4-5 लाख कमाती थीं। डीआरआई ने एक बयान में कहा, “पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि उसे इंटरनेट कॉल के जरिए सोने को दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 के गेट A से इकट्ठा करने के लिए कहा गया था। वह एक आदमी से मिली जो सफेद गाउन में था और उसने उसे दो पैकेट सोने के दिए, जो मोटे प्लास्टिक में लपेटे हुए थे। फिर उसने सोने को अपनी जांच से पहले बाथरूम में छिपाया और 3 मार्च को अपनी एमीरेट्स की फ्लाइट से यात्रा की।”

DRI ने यह भी बताया कि रान्या ने सुरक्षा जांच में एक प्रोटोकॉल अधिकारी ने मदद की थी। वह भी इस रैकेट में शामिल था। गिरफ्तारी के बाद रान्या को DRI की हिरासत में भेजा गया।

कर्नाटक सरकार ने शुरू में CID जांच आदेश दी थी, लेकिन 24 घंटे के भीतर यह आदेश वापस ले लिया गया और जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरव गुप्ता के नेतृत्व में कर्मचारियों और प्रशासनिक सुधार विभाग (DPAR) को सौंप दी गई।

गृह मंत्री जी परमेश्वर ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय समानांतर जांच से बचने के लिए लिया गया। रान्या के सौतेले पिता आईपीएस अधिकारी के रामचंद्र राव भी जांच के दायरे में थे।

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