अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से ही वैश्विक राजनीति बदलने लगी है।
ट्रंप ने सत्ता में आने के साथ ही यूरोपीय देशों को इस तरीके से खरी-खोटी सुनाई कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद से ही नाटो की सैन्य क्षमता के नीचे रहने वाले यूरोप को, दूसरे विकल्पों के बारे में भी सोचना शुरू करना पड़ा।
ट्रंप की तरफ से साफ तौर पर कह दिया गया था कि यूरोपीय देश या तो अपने सैन्य बजट बढ़ाएं या फिर नाटो के तहत अमेरिकी सैन्य शक्ति का सहारा लेना छोड़ दें।
ट्रंप की नाटो से अलग होने की धमकी और उसके बाद यूक्रेन को लेकर दबाव वाली नीति ने यूरोप को सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए विवश कर दिया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति से लेकर तमाम राष्ट्राध्यक्ष इस बात पर एक साथ आ गए कि यूरोप की अपनी सेना या अपनी सैन्य क्षमता होनी चाहिए।
इन्हीं बातों के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों अपने यूरोपीय साथियों के लिए एक नया ऑफर लेकर आए हैं। शुक्रवार को उन्होंने फ्रांस द्वारा बनाए गए फाइटर जेट राफेल की एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि यूरोपीय मित्रों, राफेल आपको कॉल कर रहा है।
मैक्रों के इस ट्वीट को कई विशेषज्ञ यूरोप की बढ़ती सुरक्षा चिंता से जोड़कर देख रहे हैं, जिसमें उस समय की बातों को दोहराया जा रहा है, जब फ्रांस ने कहा था कि हमें अपने महाद्वीप की रक्षा के लिए स्वतंत्र रूप से कार्य करने की आवश्यकता है।
आपको बता दें, यूक्रेन युद्ध से पहले भी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों बार-बार यूरोपीय संघ की एक अपनी सेना या कहें तो यूरोप को अपनी रक्षा के लिए आत्मनिर्भर होने के लिए प्रेरित करते नजर आते हैं।
राफेल फाइटर जेट की खासियत
राफेल फाइटर जेट फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट द्वारा निर्मित है। यह विमान पूरी तरह से यूरोप में ही बना हुआ है। ऐसे में फ्रांस इसे यूरोपीय आत्मनिर्भरता के एक रोल मॉडल के रूप में खड़ा करना चाहता है।
राफेल फाइटर जेट फ्रांस के साथ-साथ भारत में भी काफी लोकप्रिय है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसने भारतीय सेना की काफी मदद की थी।
राफेल फाइटर जेट एक 4.5 पीढ़ी का विमान है। यह विमान अपनी हवाई श्रेष्ठता के लिए जाना जाता है यह जमीनी हमलों के मिशनों को सटीकता के साथ करने के लिए जाना जाता है।
इसमें लगे कई तरह के हथियार इसे और भी ज्यादा सक्षम बनाते हैं। हालांकि मैक्रों ने इसका प्रचार करके भले ही इसे अपने यूरोपीय मित्रों को बेचने की कोशिश की हो लेकिन हाल के कुछ वर्षों में तमाम देशों ने अमेरिकी फाइटर जेट एफ-35 को अपने बेड़े में शामिल किया है।
उदाहरण के तौर पर ब्रिटेन, पोलैंड, फिनलैंड, जर्मनी, इटली, स्विटजरलैंड, ग्रीस, ऑस्ट्रिया जैसे तमाम यूरोपीय देशों ने अमेरिका विमान पर भरोसा जताया है।