Pradosh Vrat: कल रहेगा 2 घंटे 15 मिनट का शुभ मुहूर्त, जानें पूजा विधि और मंत्र…

प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):

इस साल चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन गुरु प्रदोष का व्रत रखा जाएगा।

इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान शिव की आराधना की जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरु प्रदोष व्रत रखने व इस दिन शिव जी की आराधना करने से पुण्य फल की प्राप्ति है।

संतान की कामने के लिए भी यह व्रत रखा जाता है। चैत्र गुरु प्रदोष व्रत की पूजा संध्या के समय की जाएगी। जानें, पूजन का शुभ मुहूर्त, मंत्र, पूजा-विधि व सामग्री-

कल प्रदोष व्रत पर 02 घण्टे 15 मिनट्स का शुभ मुहूर्त

चैत्र शुक्ल त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 09, 2025 को 10:55 पी एम

चैत्र शुक्ल त्रयोदशी तिथि समाप्त – अप्रैल 11, 2025 को 01:00 ए एम

दिन का प्रदोष समय – 06:44 पी एम से 08:59 पी एम

प्रदोष पूजा मुहूर्त – 06:44 पी एम से 08:59 पी एम

अवधि – 02 घण्टे 15 मिनट्स

शिव पूजा सामग्री

  • घी
  • दही
  • फूल
  • फल
  • अक्षत
  • बेलपत्र
  • धतूरा
  • भांग
  • शहद
  • गंगाजल
  • सफेद चंदन
  • काला तिल
  • कच्चा दूध
  • हरी मूंग दाल
  • शमी का पत्ता

गुरु प्रदोष व्रत पूजा-विधि: स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें। शिव परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें।

अगर व्रत रखना है तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का संकल्प लें। फिर संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं।

फिर शिव मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें। अब गुरु प्रदोष व्रत की कथा सुनें।

फिर घी के दीपक से पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आरती करें। अंत में ओम नमः शिवाय का मंत्र-जाप करें। अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें।

मंत्र: ॐ नमः शिवाय, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं

भोग: पंचामृत, खीर, सफेद मिठाई, सूखे मेवे, फल, मखाना

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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