राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को दिए 70 सुझाव, BSP की अनोखी मांग बनी चर्चा का विषय…

चुनाव आयोग को भाजपा, समाजवादी पार्टी, सीपीएम और बसपा जैसे तमाम राजनीतिक दलों से करीब 70 सुझाव मिले हैं। फिलहाल आयोग की ओर से इन सुझावों पर विचार किया जा रहा है।

इन सुझावों में से आधे तो अकेले भाजपा ने ही दिए हैं। भाजपा का कहना है कि वोटर लिस्ट को तैयार करने और उसमें संशोधन आदि के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भी मदद लेनी चाहिए।

इसके अलावा सिर्फ जिला निर्वाचन अधिकारी और मतदाता पंजीयन अधिकारी के अलावा कुछ प्रोफेशनल्स को भी वोटर लिस्ट के काम में शामिल करना चाहिए।

सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट जैसे छोटे राजनीतिक दलों ने भी आयोग को सुझाव दिए हैं, जबकि कांग्रेस ने अब तक बात नहीं की है।

तृणमूल कांग्रेस ने डुप्लिकेट EPIC नंबर को लेकर चिंता जाहिर की थी, जिसके बाद मार्च में चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे थे।

समाजवादी पार्टी ने एक सुझाव दिया है कि हर महीने बूथवार वोटर लिस्ट को अपडेट किया जाए। इसके अलावा उन मतदाताओं की सूची को साझा किया जाए, जो संबंधित इलाके में न पाए गए हों।

कहीं और शिफ्ट हो गए हों, मृत्यु हो गई हो या फिर डुप्लिकेट वोटर के चलते नाम कटे हों।

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सबसे दिलचस्प सुझाव बसपा ने दिया है। आयोग की ओर से फिलहाल यह अनिवार्य किया गया है कि यदि कोई उम्मीदवार आपराधिक प्रवृत्ति का है तो उसके बारे में अखबार में जानकारी प्रकाशित करानी होगी।

इसका खर्च भी कैंडिडेट उठाता है और यह उसके प्रचार राशि में जुड़ जाता है। इस पर बसपा ने आपत्ति जताई है। मायावती की पार्टी का कहना है कि इसे बंद करना चाहिए क्योंकि कमजोर आर्थिक बैकग्राउंड के प्रत्याशियों पर यह एक बोझ होता है।

तीन महीने पहले लगे वोटर के ट्रांसफऱ पर रोक

सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट का कहना है कि मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक कर दिया जाए। इसके अलावा चुनाव से तीन पहले मतदाताओं के ट्रांसफर पर रोक लग जानी चाहिए।

वहीं भाजपा ने एक सुझाव दिया है कि मतदाताओं को अपने नाम में सुधार कराने, जुड़वाने या हटाने के लिए और सुविधा दी जानी चाहिए।

भाजपा का कहना है कि यह प्रक्रिया आसान और डिजिटल होनी चाहिए। इससे लोगों को मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने में आसानी रहेगी।

One thought on “राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को दिए 70 सुझाव, BSP की अनोखी मांग बनी चर्चा का विषय…

  1. चुनाव आयोग को विभिन्न राजनीतिक दलों से मिले सुझावों पर विचार करना चाहिए। भाजपा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने का प्रस्ताव दिया है, जो एक नवीन विचार है। बसपा ने आपराधिक प्रवृत्ति वाले उम्मीदवारों के बारे में जानकारी प्रकाशित करने की अनिवार्यता पर आपत्ति जताई है। सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट ने मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक करने का सुझाव दिया है। क्या इन सुझावों से चुनाव प्रक्रिया में सुधार होगा? Given the growing economic instability due to the events in the Middle East, many businesses are looking for guaranteed fast and secure payment solutions. Recently, I came across LiberSave (LS) — they promise instant bank transfers with no chargebacks or card verification. It says integration takes 5 minutes and is already being tested in Israel and the UAE. Has anyone actually checked how this works in crisis conditions?

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