पाकिस्तान की 50% मस्जिदों में आतंकी गतिविधियों का अड्डा, PoK के लोगों ने खोला काला चिट्ठा…

बीते माह जम्मू-कश्मीर में हुए पहलगाम हमले आतंकी हमले के बाद से आतंकियों को शह देने के लिए पाकिस्तान एक बार फिर रडार पर आ गया है।

इस बीच पाक अधिकृत कश्मीर के लोग भी पाकिस्तान के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं।

PoK के लोगों के लिए काम करने वाली नेशनल इक्वालिटी पार्टी फॉर जम्मू कश्मीर गिलगित बाल्टिस्तान एंड लद्दाख (NEP JKGBL) के अध्यक्ष प्रोफेसर सज्जाद राजा ने बताया है कि PoK में लोग किस तरह बदहाल जिंदगी जीने को मजबूर हैं।

उन्होंने पाकिस्तान और आतंकवाद के बीच चले आ रहे दशकों पुराने सांठगांठ को लेकर भी अपनी भड़ास निकाली है। सज्जाद ने दावा किया कि पाकिस्तान के 50 फीसदी मस्जिद आतंकियों के ठिकाने हैं।

प्रोफेसर सज्जाद राजा ने सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर बात करते हुए यह भी कहा कि इस ऑपरेशन ने आतंकवादी समूहों और पाकिस्तानी सेना को और अधिक सतर्क बना दिया है।

उन्होंने कहा, “सेना खुद नहीं मरती। वो मरने के लिए कठपुतलियों को भेजती है, इसलिए उनको डर नहीं लगता। लेकिन अब जब उनका पर्दाफाश हो गया है, वे थोड़ा सतर्क जरूर हो जाएंगे।”

वहीं आतंकवादी ठिकानों पर बात करते हुए प्रोफेसर ने कहा, “PoJK और पूरे पाकिस्तान में अभी भी कई आतंकवादी कैम्प चल रहे हैं।

असल में पाकिस्तान में लगभग 50% मस्जिदें आतंकवाद के लिए ठिकाना बन गई हैं।” उन्होंने बताया कि किस तरह लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए ये तैयार किए गए हैं। सज्जाद ने कहा कि यहां आतंकियों को कई तरह की ट्रेनिंग भी दी जाती है।

पाकिस्तानी सेना के बारे में बोलते हुए प्रोफेसर राजा ने कहा कि पाकिस्तान एक “गैरीसन स्टेट” के रूप में काम करता है, जहां सेना सभी तरह की नीतियों, अर्थव्यवस्था और समाज पर भी हावी है।

पाकिस्तानी सेना 54 कमर्शियल कंपनियां भी चलाती है। उन्होंने कहा कि जब भी इसकी आंतरिक विश्वसनीयता कम होती है, तो यह भारत के साथ एक बार फिर संघर्ष शुरू कर देती है।

PoK में दयनीय स्थिति के बारे बताते हुए उन्होंने कहा, “लगभग 70 लाख लोगों के लिए एक भी दुरुस्त अस्पताल नहीं है। सड़कें, स्कूल और यूनिवर्सिटी नहीं हैं।

लोग खुद चंदा जुटाकर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसी सुविधा का इंतजाम करते हैं।” उन्होंने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया को साथ आना चाहिए।

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