पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर से वार्ता की बात कही है।
यही नहीं उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से गुहार लगाई है। शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद स्थित अमेरिका दूतावास में यह बात कही।
शहबाज शरीफ अमेरिका की आजादी के 294 साल पूरे होने के मौके पर पहुंचे थे। शरीफ ने इस दौरान एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप को क्रेडिट दिया और कहा कि आपने ही भारत से तनाव खत्म कराया और सीजफायर हुआ।
उन्होंने कहा कि ट्रंप ने दिखा दिया कि वह शांति के पक्षधर हैं और कारोबार को बढ़ावा देने वाले हैं। हम चाहते हैं कि वह भारत के साथ हमारी वार्ता करा दें।
शहबाज शरीफ ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ऐसे शख्स हैं, जो युद्ध के खिलाफ हैं। भले ही वह किसी भी तरह का युद्ध हो। यही नहीं शहबाज शरीफ ने फिर से पुराना प्रोपेगेंडा दोहराते हुए कहा कि भारत ने 6-7 मई की रात को हमला किया था और फिर अपने बचाव में हमने उनके 6 फाइटर जेट्स गिरा दिए।
शहबाज शरीफ ने कहा कि हमने तो भारत को पहलगाम आतंकी हमले की जांच में सहयोग करने की बात कही थी, लेकिन उसका जवाब अटैक के तौर पर मिला। इस अटैक में 33 पाकिस्तानी नागरिक मारे गए थे।
पाकिस्तानी लीडर ने कहा कि भारत को सबूत पेश करने चाहिए और दुनिया के आगे साबित करना चाहिए कि यह पाकिस्तान ने कराया था।
एक तरफ शहबाज शरीफ का इस्लामाबाद में ऐसा रुख था तो वहीं वॉशिंगटन में बिलावल भुट्टो ने भी वार्ता की वकालत की। भुट्टो ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीजफायर का सीधा क्रेडिट ट्रंप को ही जाएगा।
बिलावल ने कहा, ‘हमें यह भी सुनना चाहिए कि राष्ट्रपति ट्रंप क्या कह रहे हैं। उन्होंने 10 अलग-अलग मौकों पर कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करा दिया। वह इस क्रेडिट के हकदार हैं क्योंकि उन्होंने ही सीजफायर संभव कराया था।’
यही नहीं उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका चाहता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसा सीजफायर बना रहे तो फिर उसे मदद करनी चाहिए।
अमेरिका को चाहिए कि वह भारत के साथ हमारी वार्ता करा दे। यदि बातचीत होगी तो फिर जंग का रास्ता बंद होगा। बता दें कि भारत लगातार यह बात खारिज करता रहा है कि सीजफायर में ट्रंप का हाथ है।
वहीं पाकिस्तानी अपनी पुरानी रणनीति के तहत कश्मीर मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण करना चाहता है। इसलिए जानबूझकर वह सीजफायर का क्रेडिट अमेरिका को दे रहा है।