कश्मीर मुद्दे पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान पर पाकिस्तान ने आपत्ति दर्ज कराई है।
पड़ोसी ने भारतीय पक्ष के बयान को बेबुनियाद करार दिया है। वहीं, भारत को ही जम्मू और कश्मीर के ‘एक क्षेत्र को खाली करने’ की सलाह दी है।
दरअसल, ब्रिटेन दौरे पर गए जयशंकर ने एक पत्रकार के सवाल का जवाब दिया था कि ‘चुराए गए हिस्से’ की वापसी के बाद कश्मीर विवाद खत्म हो जाएगा।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में जयशंकर की इस टिप्पणी को खारिज कर दिया और भारत से कश्मीर के उस हिस्से को खाली करने को कहा, जिस पर उसने कब्जा कर रखा है।
खान ने कहा, ‘हम पांच मार्च को लंदन के चैथम हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत के विदेश मंत्री की ओर से की गई टिप्पणी को खारिज करते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘आजाद जम्मू-कश्मीर के बारे में बेबुनियाद दावे करने के बजाय भारत को पिछले 77 वर्षों से अपने कब्जे में रखे गए जम्मू-कश्मीर के एक बड़े क्षेत्र को खाली कर देना चाहिए।’
खान ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों में यह प्रावधान है कि जम्मू-कश्मीर की अंतिम स्थिति संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जनमत संग्रह के माध्यम से निर्धारित की जाएगी। भारत का पूर्वाग्रह इस वास्तविकता को नहीं बदल सकता।’
उन्होंने पिछले वर्ष कश्मीर के अपने हिस्से में हुए चुनावों के बारे में भारतीय मंत्री के दावों को भी खारिज कर दिया और कहा, ‘भारतीय संविधान के अनुसार कोई भी चुनावी प्रक्रिया आत्मनिर्णय के अधिकार के विकल्प के रूप में काम नहीं कर सकती।’
जयशंकर का क्या था जवाब
जयशंकर ने कहा था, ‘कश्मीर के संबंध में, मुझे लगता है, वास्तव में हमने इसके ज्यादातर मुद्दों को हल करने की दिशा में अच्छा काम किया है।’
उन्होंने कहा था, ‘अनुच्छेद-370 को हटाना पहला कदम था, कश्मीर में विकास, आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था तथा बहुत अधिक मतदान के साथ चुनाव कराना तीसरा कदम था।’
जयशंकर ने कहा था, ‘मुझे लगता है कि हम जिस चीज का इंतजार कर रहे हैं, वह कश्मीर के चुराए गए हिस्से की वापसी है, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है। जब ऐसा हो जाएगा, तो मैं आपको आश्वासन देता हूं कि कश्मीर मुद्दे का समाधान हो जाएगा।’