UNSC में खुली बहस की तैयारी में पाकिस्तान, लेकिन नहीं करेगा कश्मीर का जिक्र…

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की इस महीने की अध्यक्षता कर रहे पाकिस्तान ने अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाने की योजना बनाई है।

22 जुलाई को एक खुली बहस का आयोजन करने जा रहा है, जिसका विषय होगा “विश्व में लंबित विवादों का शांतिपूर्ण समाधान”। इ

स बहस के अंत में पाकिस्तान एक प्रस्ताव पेश करेगा, जिसमें सदस्य देशों से संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VI के तहत उपलब्ध शांतिपूर्ण विवाद समाधान तंत्रों का पूर्ण उपयोग करने की अपील की जाएगी।

हालांकि इस पहल के पीछे का असल उद्देश्य जम्मू-कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाना है, लेकिन पाकिस्तान इस प्रस्ताव में कश्मीर का नाम लेने से बच सकता है।

ऐसा करने पर प्रस्ताव के वीटो किए जाने की आशंका है, क्योंकि UNSC के प्रस्तावों के पारित होने के लिए 9 सदस्यों के समर्थन के साथ-साथ सभी 5 स्थायी सदस्यों (P5) की सहमति आवश्यक होती है।

भारत लंबे समय से यह स्पष्ट करता आया है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है, जिसे पाकिस्तान और भारत के बीच शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए।

चीन को छोड़कर बाकी सभी स्थायी सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस इस दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं।

क्या कहता है संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अध्याय VI?

इस प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VI को आधार बनाया जाएगा, विशेष रूप से अनुच्छेद 33 को, जिसमें कहा गया है कि किसी भी विवाद के पक्षकार जिसकी निरंतरता अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती है मध्यस्थता, सुलह, न्यायिक निपटारा या अन्य शांतिपूर्ण तरीकों से समाधान खोजें।

हालांकि, यही अनुच्छेद यह भी कहता है कि पक्षकार अपने चुने हुए किसी भी शांतिपूर्ण माध्यम का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बिंदु भारत के पक्ष में जाता है क्योंकि भारत की नीति द्विपक्षीयता पर आधारित है।

इशाक डार करेंगे अध्यक्षता, गुटेरेस भी हो सकते हैं शामिल

पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार 22 जुलाई को न्यूयॉर्क में इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के भी शामिल होने की संभावना है।

सूत्रों के अनुसार, इस बहस के अवधारणात्मक और सामान्य प्रकृति का होने की संभावना है, जिससे किसी भी सदस्य देश द्वारा आपत्ति से बचा जा सके।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, “यह एक सामान्य प्रस्ताव होगा जिसमें किसी विशिष्ट मुद्दे का जिक्र नहीं होगा, ताकि आपत्तियों से बचा जा सके।”

पाकिस्तान अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में एक अन्य विशेष कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र और इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) के बीच सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा होगी।

OIC, जिसमें 57 मुस्लिम-बहुल देश शामिल हैं, ने बार-बार कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *