चीन को लुभाने की कोशिश में लगी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत के साथ संबंधों में जहर घोलने को आतुर लग रही है।
पिछले दिनों प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस के बिगड़े बोल के बाद अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सूचना सलाहकार ने एक बड़ा दावा किया है।
सूचना सलाहकार महफूज आलम ने मंगलवार को दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग के एक लाख से सदस्य भारत में हैं।
बांग्लादेशी समाचार पोर्टल bdnews24.com के मुताबिक आलम ने यह टिप्पणी ढाका में ईद के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में की है।
इस कार्यक्रम में शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान कथित रूप से लापता या मारे गए लोगों के परिजन शामिल हुए थे। कार्यक्रम में जारी प्रेस रिलीज के अनुसार मानवाधिकार समूह मेयर डाक ने शहर के तेजगांव इलाके में इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।
इस दौरान हसीना की आलोचना करते हुए महफूज ने कहा कि उन्होंने अपने माता-पिता की हत्या का बदला लेने के लिए लोगों को जबरन गायब करने और हत्या करने का सहारा लिया।
उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत ने उन्हें और उनके आतंकवादी बलों को शरण देने का विकल्प चुना है। हमें पता चला है कि लगभग 1,00,000 अवामी लीग के सदस्यों ने वहां शरण ली है।”
हसीना पर लगाए गंभीर आरोप
बांग्लादेश की सरकार में सूचना सलाहकार ने कहा, “2013 और 2014 में जब लोग अपने मताधिकार के लिए लड़ रहे थे तब सबसे ज्यादा लोगों को जबरन गायब किया गया। इन कार्रवाइयों के पीछे मुख्य उद्देश्य चुनावी व्यवस्था को बरबाद करना था।”
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने जबरन गायब किए जाने की घटनाओं की जांच के लिए आयोग का गठन कर दिया है। आलम ने कहा, “आयोग की सिफारिशों के आधार पर जबरन गायब किए जाने में शामिल कई लोगों के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी किए गए हैं। इसके अलावा कई अन्य लोगों के खिलाफ जांच अभी जारी है।”
आवामी लीग को कभी ना लौटने देने की खाई कसम
बांग्लादेश की पिछली सरकार पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग राजनीतिक रूप से अवामी लीग का विरोध करते थे उन्हें जबरन गायब किए जाने से पहले आतंकवादी और उग्रवादी करार दिया जाता था। सलाहकार ने कहा कि उनके परिवारों को भी डर और धमकी का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि लोगों को गायब करने के लिए देश के संस्थानों का इस्तेमाल किया गया। सलाहकार ने दावा किया कि हसीना अभी भी भारत में रहकर देश के खिलाफ साजिशें रच रही हैं जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कसम खाई है कि आवामी लीग को बांग्लादेश में कभी भी वापसी को मौका नहीं दिया जाएगा।