इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कनाडा के समकक्ष कार्नी को गाजा में इजरायली सेना के नरसंहार वाले एक बयान पर सहमति जताने के लिए जमकर खरी-खोटी सुनाई है।
इजरायली प्रधानमंत्री का यह बयान कार्नी के उस वीडियो के जवाब में आया है, जिसमें एक कार्नी की एक चुनावी रैली के दौरान एक प्रदर्शनकारी चिल्लाते हुए कहता है कि वहां फिलिस्तीन में इजरायली सेना नरसंहार कर रही है।
इस पर कार्नी पलटकर जवाब देते हुए कहते हैं कि धन्यवाद.. हां मुझे मालूम है कि वहां क्या हो रहा है, इसलिए हमने हथियारों की बिक्री पर रोक लगाई है।
कनाडाई प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद मीडिया में अटकलबाजी शुरू हो गई। रैली के बाद जब मीडिया ने कनाडाई पीएम कार्नी से इस बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि मैंने ‘नरसंहार’ शब्द नहीं सुना था।
मैं बस इजरायल के संबंध में अपने हथियारों की बिक्री पर लगे प्रतिबंध के बारे में ही बता रहा था। पीएम कार्नी ने भले ही इस पर सफाई दे दी लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
कनाडाई पीएम के सफाई देने के पहले इजरायली पीएम तक यह वीडियो पहुंच चुका था। इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कार्नी को आड़े हाथों लेते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “कनाडा ने हमेशा सभ्यता का पक्ष लिया है.. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री कार्नी को भी ऐसा ही करना चाहिए। लेकिन वह एक लोकतांत्रिक देश इजरायल का समर्थन करने के बजाय हमास के साथ खड़े हो रहे हैं.. जो खुले तौर पर एकमात्र यहूदी राज्य के ऊपर लगातार हमले करता है। पीएम कार्नी अपना गैर जिम्मेदाराना बयान वापस ले लें।”
आपको बता दें कि इजरायली सेना के ऊपर कई देशों ने गाजा में नरसंहार करने का आरोप लगाया है। पिछले महीने ही संयुक्त राष्ट्र ने भी एक जांच में इस बात के सबूत पाए थे कि गाजा में नरसंहार हुआ है।
हालांकि नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र की इस जांच की निंदा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के रूप में यह इजरायल और यहूदी विरोधी सबसे बड़ा सर्कस है। उन्होंने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद हमास के आतंकवादियों ने सबसे बड़ा नरसंहार किया है।
उस पर ध्यान देने के बजाय संयुक्त राष्ट्र एक बार फिर से इजरायल के ऊपर झूठे आरोप मढ़ रहा है। यह कितना बेतुका है कि संयुक्त राष्ट्र हम पर आरोप लगा रहा है कि हमने वहां पर डिलेवरी सेंटर्स और अस्पतालों को नष्ट किया है।