अमेरिकी एयर स्ट्राइक से दहला यमन, हूती ठिकानों पर हमले में 12 से अधिक की मौत…

यमन में अमेरिका द्वारा किए जा रहे लगातार हवाई हमलों ने एक बार फिर राजधानी सना को दहला दिया है।

सोमवार को हूती विद्रोहियों ने दावा किया कि अमेरिकी हवाई हमलों में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है और 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

यह हमला सना के शूब ज़िले के व्यस्त फरवा बाज़ार को निशाना बनाकर किया गया है।

हूती विद्रोहियों ने जानकारी दी कि रविवार को भी यमन के कई अन्य इलाकों पर बमबारी की गई थी, लेकिन सबसे बड़ा हमला सना के बाज़ार क्षेत्र में हुआ, जिसे अमेरिका पहले भी निशाना बना चुका है।

हालांकि, अमेरिकी सेना की ‘सेंट्रल कमांड’ ने इन ताजा हमलों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है। इससे पहले किए गए हमलों की ज़िम्मेदारी अमेरिका ने ली थी, लेकिन इस बार चुप्पी बनी हुई है।

रास ईसा पर सबसे बड़ा हमला

इन ताज़ा हमलों से पहले, हूती विद्रोहियों के रास ईसा बंदरगाह पर अमेरिकी सेना ने सबसे बड़ा हवाई हमला किया था।

इसमें 70 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और 171 अन्य घायल हो गए थे। यह हमला अमेरिका द्वारा अब तक यमन में किए गए सबसे घातक हमलों में गिना जा रहा है।

अमेरिका क्यों कर रहा है हमले?

अमेरिका का कहना है कि हूती विद्रोही लाल सागर और आसपास के जलमार्गों में वाणिज्यिक जहाजों पर हमले कर रहे हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार बाधित हो रहा है।

अमेरिका और उसके सहयोगी देश इन हमलों को रोकने के लिए हूती ठिकानों को निशाना बना रहे हैं।

मानवीय संकट गहराया

इन हमलों से यमन की आम जनता पर मानवीय संकट और गहरा गया है। पिछले एक दशक से गृहयुद्ध झेल रहे यमन में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं और ऐसे में लगातार हो रही बमबारी हालात को और खराब कर रही है।

संयुक्त राष्ट्र पहले ही चेतावनी दे चुका है कि यमन दुनिया के सबसे गंभीर मानवीय संकटों में से एक झेल रहा है और इस तरह की सैन्य कार्रवाइयों से न केवल आम नागरिक मारे जा रहे हैं, बल्कि राहत और पुनर्वास कार्य भी प्रभावित हो रहा है।

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