मचेल हादसा: लापता 31 लोगों को दो महीने में मृत घोषित करने की तैयारी, अब तक 60 शव मिल चुके…

जम्‍मू-कश्‍मीर के किश्तवाड़ ज़िले में अगस्त महीने में मचेल माता यात्रा के दौरान चशोती इलाके में बादल फटने से हुई भीषण त्रासदी में लापता हुए 31 लोगों को अब मृत घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है|

प्रशासन ने सामान्यतः लागू सात साल की कानूनी अवधि की प्रतीक्षा किए बिना, विशेष परिस्थितियों में शीघ्र निर्णय लेने का रास्ता अपनाया है. इस निर्णय के बाद हादसे में मृतकों की कुल आधिकारिक संख्या 91 मानी जाएगी|

उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के मुताबिक, “लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है. मजिस्ट्रेट और पुलिस की संयुक्त जांच के बाद रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट को भेजी जाएगी”|

उन्होंने कहा कि आमतौर पर किसी लापता व्यक्ति को मृत घोषित करने में सात वर्ष लगते हैं, लेकिन आपदा स्थितियों में इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने की अनुमति होती है. इस तरह की मिसालें पहले उत्तराखंड आपदा और 2014 की कश्मीर बाढ़ के दौरान भी देखी गई हैं|

उनके अनुसार जांच में सभी संबंधित पक्षों के दावे और आपत्तियों पर विचार किया जाएगा. इसके लिए 30 दिन का सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है, जिसमें परिवार के सदस्यों या किसी भी संबंधित व्यक्ति को अपनी बात रखने का अवसर दिया गया है. पूरी प्रक्रिया करीब दो महीने में पूरी होने की संभावना है|

14 अगस्त को आई इस आपदा ने मौत और विनाश का भयावह दृश्य पीछे छोड़ दिया था. अचानक आई बाढ़ ने यात्रियों के लिए लगाए गए लंगर, कई घरों और पशुधन को बहा दिया. सड़कें और पुल नष्ट हो गए, संचार लाइनों के टूट जाने से इलाका कई दिनों तक बाहरी संपर्क से कट गया|

बचाव दलों को क्षतिग्रस्त इलाकों से होकर लंबी दूरी तय करनी पड़ी, लेकिन लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिल सका. कुछ मृतकों के शरीर के अंग बरामद हुए, जिन्हें पहचान की पुष्टि के लिए डीएनए परीक्षण हेतु भेजा गया है|

लापता लोगों को मृत घोषित करने की यह औपचारिक प्रक्रिया लंबे और कठिन खोज अभियान का दुखद अंत साबित होगी. हालांकि, इसके साथ ही प्रभावित परिवारों को सरकारी मुआवजे और कानूनी सहायता प्राप्त करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *